Maharashtra Politics: पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल (Shivraj Patil) ने कहा कि भारत में विविध धर्म हो सकते हैं लेकिन लोगों के लिए जन्म, प्यास और भूख एक समान है चाहे वे किसी भी धर्म को मानते हों और देश को धर्म के आधार पर नहीं बांटा जाना चाहिए. पाटिल ने ‘मराठावाड़ा मुक्ति दिवस’ की 75वीं वर्षगांठ का जश्न मनाने के लिए यहां आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि धर्म एक ज्ञान है जो लोगों को जोड़ता है. उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम सभी तक इस विचार का प्रसार करेंगे तो हमें अच्छी ताकत मिलेगी.’’


क्या बोले शिवराज पाटिल?
लातूर, मराठावाड़ा क्षेत्र के आठ जिलों का हिस्सा है जो कभी निजाम शासित हैदराबाद रियासत के तहत आता था. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ब्रिटिश लोगों और मुगलों ने सदियों तक भारत में राज किया लेकिन देश के पूर्वजों ने इसे एकजुट रखने का प्रयास किया. उन्होंने कहा, ‘‘देश में कई धर्म हैं लेकिन हमने इस भावना को जिंदा रखा कि हम एकजुट हैं. पहले अनाज अमेरिका से खरीदना पड़ता था लेकिन आज भारत आत्मनिर्भर बन गया है और अपने लोगों को अनाज की आपूर्ति करता है और विदेशियों को इसका निर्यात करता है.’’


कौन हैं शिवराज पाटिल?
शिवराज विश्वनाथ पाटिल (जन्म 12 अक्टूबर 1935) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो 2004 से 2008 तक भारत के गृह मंत्री और 1991 से 1996 तक लोकसभा के 10वें अध्यक्ष रहे. वह पंजाब राज्य के राज्यपाल और प्रशासक थे. 2010 से 2015 तक केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़. इससे पहले, उन्होंने 1980 के दशक के दौरान इंदिरा गांधी और राजीव गांधी मंत्रिमंडल में रक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया था. बता दें, पाटिल का जन्म 12 अक्टूबर 1935 को तत्कालीन हैदराबाद रियासत, अब महाराष्ट्र, भारत के लातूर जिले (मराठवाड़ा क्षेत्र) के चाकुर गांव में हुआ था.


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