(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Maharashtra Toll: मनसे को मिला कांग्रेस का साथ, विजय वडेट्टीवार ने महाराष्ट्र टोल के मुद्दे पर राज ठाकरे का किया समर्थन
Raj Thackeray: राज ठाकरे ने महाराष्ट्र में छोटी कारों से टोल न लेने की मांग की है. इस मांग का कांग्रेस नेता ने समर्थन किया है. विजय वडेट्टीवार ने कहा, 'उनके प्रस्तावित आंदोलन को अपना समर्थन देता हूं.'
Vijay Wadettiwar Support Raj Thackeray: राज ठाकरे की इस चेतावनी के एक दिन बाद कि अगर महाराष्ट्र सरकार यह सुनिश्चित करने में विफल रही कि छोटे वाहनों को टोल टैक्स से छूट दी गई तो उनकी पार्टी के कार्यकर्ता टोल बूथों को आग लगा देंगे, कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने मंगलवार को अपना समर्थन दिया और मनसे प्रमुख के रुख को उचित बताया. ठाकरे ने सोमवार को आरोप लगाया कि महाराष्ट्र में टोल वसूली राज्य के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला है. उन्होंने दावा किया कि पिछले कुछ वर्षों में सभी राजनीतिक दल राज्य में सत्ता में आए, लेकिन उनमें से किसी ने भी महाराष्ट्र को टोल मुक्त बनाने के अपने आश्वासन को लागू नहीं किया क्योंकि टोल बूथ कई राजनेताओं के लिए आजीविका का साधन हैं.
राज ठाकरे ने दी थी ये चेतावनी
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) अध्यक्ष ने चेतावनी दी कि अगर सरकार यह सुनिश्चित नहीं करती है कि छोटे वाहनों को टोल से छूट दी जाए तो उनकी पार्टी के कार्यकर्ता राज्य में टोल बूथों को आग लगा देंगे. वडेट्टीवार ने यहां विधान भवन परिसर में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, मनसे प्रमुख ने जो रुख अपनाया है. मैं उनके प्रस्तावित आंदोलन को अपना समर्थन देता हूं. हम यह भी जानना चाहेंगे कि टोल बूथों पर एकत्र की गई राशि का उपयोग कैसे किया जाता है.
कांग्रेस महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन का हिस्सा है, जिसमें उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) भी शामिल है. ये तीनों दल भी विपक्ष के इंडिया ब्लॉक का हिस्सा हैं. राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वडेट्टीवार ने पुणे जिले में जनरल मोटर्स की फैक्ट्री में श्रमिकों का मुद्दा भी उठाया. हालांकि, अब फडणवीस ने अपना रुख बदल लिया है.
क्या बोले कांग्रेस नेता?
वडेट्टीवार ने कहा, राज्य के श्रम मंत्री सुरेश खाड़े ने मजदूरों से सलाह नहीं की और संयंत्र को बंद कर दिया. भर्ती परीक्षाओं के दौरान पेपर लीक के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने पूछा, पेपर लीक की इन बड़े पैमाने पर घटनाओं के पीछे कौन है? क्या यह सरकार में बैठे कुछ लोगों के आशीर्वाद से चल रहा है? यह राज्य सरकार की विफलता है. उन्होंने मांग की कि सभी भर्ती परीक्षाएं महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (एमपीएससी) द्वारा आयोजित की जानी चाहिए.