'संसद और सभी राज्यों की विधानसभा तुरंत करें भंग', महाराष्ट्र में कांग्रेस नेता ने सरकार को क्यों दी ऐसी नसीहत?
One Nation One Election: कांग्रेस के नसीम खान ने 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' को लेकर कहा कि सरकार को संसद और विधानसभाएं भंग कर एक चुनाव करवाना चाहिए, लेकिन ये चुनाव EVM से न होकर बैलट पेपर से कराए जाएं.
Congress on One Nation One Election: महाराष्ट्र में कांग्रेस के सीनियर नेता नसीम खान ने 'वन नेशन, वन इलेक्शन' पर बड़ा बयान दिया. 'एक देश, एक चुनाव' पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, "अगर सरकार सच में एक साथ चुनाव कराना चाहती है, तो उसे संसद और सभी राज्य विधानसभाओं को तुरंत भंग कर देना चाहिए. इसके बाद, पूरे देश में एक साथ चुनाव कराया जाए और यह चुनाव बैलट पेपर पर होना चाहिए."
वहीं, ईवीएम को लेकर उठे विवाद पर नसीम खान ने कहा, "हमारा यह मानना है कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए. अगर ईवीएम पर सवाल उठते हैं, तो उसकी जांच होनी चाहिए. हम चाहते हैं कि चुनाव बैलट पेपर के माध्यम से हो ताकि जनता का विश्वास चुनावी प्रक्रिया में बना रहे. पांच प्रतिशत वीवीपैट की गिनती से चुनाव परिणामों की पूरी विश्वसनीयता सुनिश्चित नहीं हो सकती और पूरी गिनती की जांच होनी चाहिए."
महायुति कैबिनेट विस्तार पर क्या बोले कांग्रेस नेता?
महाराष्ट्र में महायुति सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी पर प्रतिक्रिया देते हुए नसीम खान ने कहा, "यह उनका अंदरूनी मामला है, लेकिन हमें उम्मीद है कि सरकार जल्द से जल्द गठित होगी ताकि राज्य के मुद्दों का समाधान किया जा सके. विशेष रूप से महिलाओं के लिए एक हजार रुपये की योजना, किसानों के मुद्दे, और कानून-व्यवस्था की स्थिति को तत्काल सुलझाया जाना चाहिए."
'सभी अदालतें लागू करें वर्शिप एक्ट 1991'
साल 1991 के वर्शिप एक्ट पर सवाल किए जाने पर कांग्रेस नेता नसीम खान ने कहा कि यह कानून सभी अदालतों द्वारा पूरी तरह से लागू किया जाना चाहिए. जब तक यह एक्ट लागू है, किसी भी धार्मिक स्थल पर बदलाव या विवाद की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उन्होंने न्यायपालिका से अपील की कि इस एक्ट का पालन सख्ती से किया जाए ताकि धार्मिक स्थलों के विवादों से देश का माहौल खराब न हो.
Mumbai: On the Places of Worship Act, 1991, Congress leader Naseem Khan says, "The provisions of the 1991 Act should be strictly followed by all courts. This is expected. The way different civil district courts are issuing conflicting notices and judgments is creating a tense… pic.twitter.com/taBMxFVcFf
— IANS (@ians_india) December 12, 2024
इतना ही नहीं, नसीम खान ने हाल ही में इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज द्वारा दिए गए विवादास्पद बयान पर कहा कि न्यायाधीश का काम निष्पक्ष और सटीक निर्णय देना होता है. यदि कोई जस्टिस सार्वजनिक रूप से विवादास्पद बयान देता है, तो उसे बर्खास्त किया जाना चाहिए. उनका कहना था कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता को बनाए रखते हुए ऐसे बयान देने वाले न्यायाधीशों पर कार्रवाई की जानी चाहिए.
उद्धव गुट की टिप्पणी पर कांग्रेस नेता का जवाब
दरअसल, नसीम खान ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत की, जिसमें शिवसेना (यूबीटी) की उस टिप्पणी पर भी प्रतिक्रिया दी जिसमें कहा गया था कि कांग्रेस चुनावों के लिए 'ओवर-कॉन्फीडेंट' है. नसीम खान ने कहा, "चुनाव में आत्मविश्वास होना कोई गलत बात नहीं है, लेकिन यह भी सच है कि हम अपनी चुनावी रणनीतियों का गहन विश्लेषण कर रहे हैं. हम यह देख रहे हैं कि कहीं हमने चुनावी प्रक्रिया, कैम्पेन, या समन्वय में कोई कमी तो नहीं छोड़ी. कांग्रेस ने अन्य दलों के साथ मिलकर संयुक्त रूप से चुनाव प्रचार किया था, लेकिन हार के बाद स्वाभाविक है कि सवाल उठेंगे और हमें भी अपने प्रयासों का आकलन करना चाहिए."
परभणी हिंसा पर भी दी प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र के परभणी जिले में हुई हिंसक घटना की निंदा करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि यह घटना पूरी तरह से गलत है और मैं इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. हमारे संविधान और बाबासाहेब अंबेडकर के आदर्शों के खिलाफ ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए. सरकार को इसकी तह तक जाना चाहिए और यह जांच करनी चाहिए कि इसके पीछे कौन लोग हैं जो समाज में नफरत फैलाने का काम कर रहे हैं. महाराष्ट्र हमेशा से प्रगतिशील राज्य रहा है और हम चाहते हैं कि राज्य में शांति बनी रहे.
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