मुंबई: कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख नाना पटोले ने आरोप लगाया है कि एलआईसी (जीवन बीमा निगम) और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों (पीएसयू) का धन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर अडाणी समूह में निवेश किया गया.पटोले ने इसे बड़े स्तर की अनियमितताएं बताते हुए इसकी विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराए जाने की मांग की.उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से मुंबई की धारावी पुनर्विकास परियोजना अडाणी समूह से वापस लेने की मांग की.


'हिंडनबर्ग’ की रिपोर्ट पर मचा बवाल


न्यूयॉर्क की एक कंपनी ‘हिंडनबर्ग’ की रिपोर्ट में उद्योगपति गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह पर खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया गया है.कंपनी के इस आरोप के बाद विविध कारोबार से जुड़े समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई है. अडाणी समूह ने गुरुवार को कहा कि वह अपनी प्रमुख कंपनी के शेयर बिक्री को नुकसान पहुंचाने के प्रयास के तहत बिना सोचे-विचारे काम करने के लिए अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई को लेकर कानूनी विकल्पों पर गौर कर रहा है.वहीं,अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह कायम है.


पटोले ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा,''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अडाणी के करीबी संबंध जगजाहिर हैं.प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय स्टेट बैंक,एलआईसी और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) का धन बिना कोई सोच विचार और प्रक्रिया के अडाणी समूह में निवेश किया था.'' उन्होंने दावा किया कि अडाणी समूह के हक में इस तरह के पक्षपात के कारण (समूह के शेयर के दाम शेयर बाजार में गिरने की पृष्ठभूमि में) इस पैसे के डूबने का डर पैदा हो गया है.


एसआईटी से जांच कराने की मांग


कांग्रेस नेता ने कहा,''बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुई हैं.इसकी जांच के लिए एक एसआईटी गठित होनी चाहिए.''पटोले ने आरोप लगाया कि अडाणी के साथ नरेंद्र  मोदी की निकटता उनके (2014 में) प्रधानमंत्री बनने से पहले से जगजाहिर है. उन्होंने कहा,''राष्ट्रीय स्तर पर सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने विशेष कृपादृष्टि की और एसबीआई से ऋण दिलाकर समूह की मदद की.एलआईसी ने इसमें लगभग 74 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया है.अडाणी केवल मोदी के आशीर्वाद के कारण इतनी जल्दी दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में शुमार हो सके.''


पटोले ने कहा, ''अच्छा प्रदर्शन कर रहे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को भी अडाणी समूह को संचालन के लिए दे दिया गया.बुलबुला फूट गया और अडाणी को सहारा समूह के सुब्रत रॉय की तरह जेल जाना पड़ सकता है.''उन्होंने कहा कि यह एक जगजाहिर रहस्य है कि मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के संचालन को अडाणी समूह को सौंपने के वास्ते एक कंपनी को मजबूर करने के लिए विभिन्न जांच एजेंसी का इस्तेमाल किया गया था.


पटोले ने कहा कि महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी राज्य वितरण उपक्रम का संचालन अडाणी समूह को सौंपने की योजना बनाई है, लेकिन इसके यूनियन के कड़े विरोध के कारण यह अमल में नहीं आ सका. उन्होंने दावा किया कि दुबई स्थित एक रियल एस्टेट डेवलपमेंट कंपनी ने मुंबई में धारावी झुग्गी पुनर्वास परियोजना के लिए सबसे अधिक बोली लगाई थी,लेकिन इसका अनुबंध अडाणी समूह को दिया गया.


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