Maharashtra Corona Update: महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में आई कमी, मौत के आंकड़े बढ़े
Corona In Maharashtra: महाराष्ट्र में एक जुलाई से 15 जुलाई के बीच संक्रमण के 38,709 नए मामले सामने आए. इस अवधि के दौरान 90 लोगों की जान गई जो पूरे जून में मृतकों की संख्या से अधिक है.
Maharashtra Corona Update: महाराष्ट्र (Maharashtra) में जुलाई के पहले पखवाड़े में कोरोना वायरस (Corona) संक्रमण के दैनिक आंकड़ों में कमी आई है, लेकिन आंकड़ों से पता चलता है कि मरने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है. जनवरी 2022 में ओमीक्रोन स्वरूप के कारण मामले बढ़े थे और पूरे महीने में 10,37,080 मामले सामने आए. फरवरी में यह संख्या घटकर 1,44,596 रह गई और बाद में मई में केवल 9,354 मामले सामने आने के साथ इसमें भारी कमी आई. हालांकि, जून में मामलों में तेजी आई और राज्य में संक्रमण के 89,028 नए मामले आए तथा 66 लोगों की मौत हुई. महाराष्ट्र में एक जुलाई से 15 जुलाई के बीच संक्रमण के 38,709 नए मामले सामने आए. इस अवधि के दौरान 90 लोगों की जान गई जो पूरे जून में मृतकों की संख्या से अधिक है. महाराष्ट्र में 15 जुलाई तक 16,000 उपचाराधीन मरीज थे.
राज्य के स्वास्थ्य निगरानी अधिकारी डॉ. प्रदीप आवटे ने कहा कि कई बार गंभीर बीमारी से ग्रस्त मरीज तीन या चार सप्ताह के बाद दम तोड़ देता है, नतीजतन किसी महीने में मामलों में वृद्धि हो सकती है, लेकिन मृतक संख्या में तत्काल वृद्धि नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि अगले महीने उच्च मृत्यु दर देखी जा सकती है. दक्षिण मुंबई के सरकारी सेंट जॉर्ज अस्पताल में कोविड-19 केंद्र चलाने वाले डॉ. सुनील भाईसारे ने कहा कि उनके केंद्र में सूचित किए गए अधिकतर मौत के मामलों में वृद्ध रोगी या मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों से ग्रसित लोग थे.
इस वैरिएंट के ज्यादातर मामले
आवटे ने कहा कि राज्य में कोविड-19 के लगभग 80-85 प्रतिशत मामले बीए.2.38 और बीए.2 स्वरूप के हैं. राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, राज्य में बीए.4 और बीए.5 रोगियों की संख्या 113 है, और बीए.2.75 रोगियों की संख्या 40 है. तीनों वायरस के ओमीक्रोन से बने स्वरूप हैं. घटते मामलों पर ग्लोबल अस्पताल में वरिष्ठ सलाहकार डॉ. मंजूषा अग्रवाल ने कहा कि लक्षण सामने आने के बाद 48 से 72 घंटों में मरीज ठीक हो रहे हैं. अग्रवाल ने कहा, ‘‘किसी को भी (जिनका उन्होंने इलाज किया) इस मौजूदा उछाल में रेमडेसिविर या इम्यूनोथेरेपी की आवश्यकता नहीं पड़ी. मरीजों को ज्यादा परेशानी नहीं हो रही है. टीकाकरण ने भी मदद की है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘धीरे-धीरे बीमारी की तीव्रता कम हो रही है. इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है.’’
बूस्टर डोज से मामलों में कमी के संकेत
मासीना अस्पताल में संक्रामक रोग विशेषज्ञ तृप्ति गिलाडा ने कहा कि जब भी कोरोना वायरस के मामलों में वृद्धि हुई है, तो कुछ ही हफ्तों में यह कम भी हो गया है. गिलाडा ने कहा, ‘‘यह आबादी में धीरे-धीरे वायरस के मौजूदा स्वरूप के प्रति प्रतिरक्षा बढ़ने से हो रहा है. कई लोग संवेदनशील होते हैं और जब मामले बढ़ते हैं तो इसके कारण संक्रमितों की संख्या बढ़ जाती है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जैसे-जैसे लोग बीमारी से उबरते हैं संवेदनशील लोगों की संख्या का अनुपात भी तेजी से घटता है. इसलिए नए संक्रमितों की संख्या कम होती जाती है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘टीकाकरण और बूस्टर खुराक ने भी मामलों में कमी लाने में अहम भूमिका निभाई है.’’ फोर्टिस हॉस्पिटल्स मुंबई के निदेशक (क्रिटिकल केयर) और महाराष्ट्र सरकार के कोविड-19 टास्क फोर्स के सदस्य डॉ राहुल पंडित ने कहा कि मामलों में वृद्धि, इसमें स्थिरता आना और कमी का लगभग एक समान पैटर्न है.