Maharashtra News: ठाणे जिले की अदालत ने 29 वर्षीय महिला को अपने बच्चे की गैर इरादतन हत्या के मामले में दोषी ठहराया है. अतिरिक्त लोक अभियोजक एसएच म्हात्रे के अनुसार, घटना आठ अगस्त, 2018 की है. महिला ने अपने छह महीने के बेटे को नाले में डूबो दिया था. काफी समय से बीमार रहनेवाली महिला ने बच्चे के लगातार रोने की वजह से खतरनाक कदम उठाया. भिवंडी तालुका के धाप्सीपाड़ा की रहने वाली महिला को 9 अप्रैल को दोषी ठहराया गया  था, लेकिन फैसले की प्रति शुक्रवार को उपलब्ध हो पाई.


दोषी महिला के खिलाफ जुर्माना भी लगाया


अदालत ने महिला पर पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. महिला के वकील सुनील लासने ने नरमी बरतने की गुहार लगाई और अदालत से कहा कि उसके एक और सात साल के दो और बच्चे हैं. दूसरी तरफ, अभियोजन पक्ष ने अपराध के लिए महिला को अधिकतम सजा (10 साल तक) देने की मांग की. जज ने आदेश में कहा कि अभियोजन पक्ष ने आरोपी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के भाग दो (गैर इरादतन हत्या) में आरोप साबित कर दिया है. अदालत ने कहा, ‘‘ऐसे कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं हैं, जिससे महिला के आदतन अपराधी या किसी अन्य मामले में दोषी होने की बात सामने आए. साथ ही, अपराध भी गंभीर है. महिला को 10 अगस्त 2018 को गिरफ्तार किया गया था और अंतरिम जमानत मिलने तक हिरासत में थी.


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महिला की जेल में काटी सजा से हुआ न्याय


भारतीय दंड संहिता की धारा 304 के भाग दो में अधिकतम 10 वर्ष कारावास या जुर्माना या दोनों सजा एक साथ दिए जाने का प्रावधान है. अगर कोई काम इस नियत के साथ किया जाए कि इससे किसी की मौत हो...’’महिला को जितनी अवधि की कैद की सजा सुनाई गई है, उतनी सजा अगस्त 2018 में गिरफ्तारी के बाद से काट चुकी है. जज ने कहा, ‘‘ध्यान देने वाली बात है कि आरोपी एक मां है, जिसके बच्चे की मौत हुई है. इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि उसने अपना बच्चा खोया है. इसलिए दलीलों पर गौर करते हुए, मेरी राय है कि आगे महिला को हिरासत में रखने की आवश्यकता नहीं है और इसलिए जो समय उसने जेल में काट लिया है उसके साथ ही मामले में न्याय हो गया है.’’


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