Maharashtra Court: पालघर और ठाणे कोर्ट में चार लाख से ज्यादा मामले लंबित, जानें पूरे महाराष्ट्र का आंकड़ा
National Judicial Data Grid: महाराष्ट्र की अदालतों में कुल 49,82,911 अदालती मामले लंबित हैं, जिनमें से 4,09,967 मामले पालघर सहित ठाणे न्यायिक प्रभाग में लंबित हैं.
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NJDG: राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड (एनजेडीजी) के अनुसार महाराष्ट्र की अदालतों में दिसंबर 2022 के अंत तक कुल 49,82,911 अदालती मामले लंबित हैं, जिनमें से 4,09,967 मामले पालघर सहित ठाणे न्यायिक प्रभाग में लंबित हैं. एनजेडीजी के अनुसार ठाणे में लंबित मामलों में 3,03,477 आपराधिक और 1,06,490 अन्य मामले शामिल हैं. एनजेडीजी सभी जिला और तालुका अदालतों में लंबित व निपटाए गए मामलों से संबंधित आंकड़े रखता है.
कोर्ट में इतने मामले हैं लंबित
एनजेडीजी के मुताबिक ठाणे में 1,02,714 मामले (या 25.05 प्रतिशत) 5-10 साल से, 87,249 मामले (21.28 प्रतिशत) 3-5 साल से, 85,226 मामले (20.7 प्रतिशत) एक-तीन साल से, 73,113 मामले (17.83 फीसदी) 0-1 साल से, 46,663 मामले (11.38 फीसदी) 10-20 साल से और 10,742 मामले (2.62 फीसदी) 20-30 साल से लंबित हैं. आंकड़ों के अनुसार, राज्य भर की अदालतों में लंबित कुल 49,82,911 मामलों में 34,15,614 फौजदारी और 15,67,297 दीवानी मामले शामिल हैं. आंकड़ों के अनुसार, अधिकतम 13,61,156 मामले (27.32 प्रतिशत) 1-3 साल से लंबित हैं.
द हिंदू में छपी एक खबर के मुताबिक, लंबे समय से लंबित मामलों, जिनमें से कुछ तो 1970 के दशक के हैं, पर चिंता व्यक्त करते हुए, भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि देश में अदालतों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि स्वतंत्रता दिवस 2023 तक "न्यायिक घड़ी कम से कम 10 साल आगे बढ़े". वह शुक्रवार को आचार्य नागार्जुन विश्वविद्यालय में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, न्यायिक अधिकारियों और अन्य कानूनी विशेषज्ञों की एक सभा को संबोधित कर रहे थे. इस कार्यक्रम में, सीजेआई ने ए.पी. न्यायिक अकादमी का उद्घाटन किया, उच्च न्यायालय के डिजिटलीकरण कार्यक्रम और कई अन्य पहलों का शुभारंभ किया.
CJI ने कहा: "देश भर में, लगभग 14 लाख मामलों में देरी हुई है क्योंकि किसी प्रकार के रिकॉर्ड या दस्तावेज की प्रतीक्षा की जा रही है. नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड (एनजेडीजी) के आंकड़ों के अनुसार देश भर में 63 लाख से अधिक मामलों को वकील की अनुपलब्धता के कारण विलंबित माना जाता है. हमें वास्तव में यह सुनिश्चित करने के लिए बार के समर्थन की आवश्यकता है कि हमारी अदालतें अधिकतम क्षमता से काम कर रही हैं."
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