Maharashtra News: महाराष्ट्र में मुंबई के दादर इलाके में पोंजी स्कीम चलाने वाली चिट फंड कंपनी का खुलासा हुआ है. मुबंई पुलिस ने इस निजी कंपनी के दो निदेशकों और तीन वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ सोमवार (6 जनवरी) को कथित निवेश धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया. बताया जा रहा है कि कम से कम सात निवेशकों ने दावा किया है कि पोंजी योजना में उन्हें 13.48 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.


टोरेस स्टोर चलाने वाली कंपनी प्लेटिनम हर्न प्राइवेट लिमिटेड के शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ शिवाजी पार्क पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. डायरेक्टर्स सर्वेश सुर्वे और विक्टोरिया कोवलेंको, सीईओ तौफीक रिया उर्फ ​​जॉन कार्टर, जनरल मैनेजर तान्या कस्तोवा और स्टोर प्रभारी वेलेंटीना कुमार के खिलाफ 31 वर्षीय सब्जी विक्रेता प्रदीप कुमार वैश्य की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया, जिसने उनकी पोंजी योजना में निवेश किया था.


अब तक सात निवेशकों ने की शिकायत
बताया जा रहा है कि अब तक पुलिस ने कम से कम सात व्यक्तियों के बयान दर्ज किए हैं, जिन्होंने पोंजी योजना में कुल मिलाकर 13.48 करोड़ रुपये गंवा दिए हैं, जिसमें उनके निवेश पर मासिक ब्याज देने का वादा किया गया था. पुलिस को शक है कि आरोपी ने मुंबई, नवी मुंबई और मीरा भयंदर इलाकों में कई निवेशकों को ठगा है. जानकारी के अनुसार, जून और दिसंबर 2024 के बीच आरोपियों ने एक योजना लॉन्च की.


कंपनी ने शुरू में पूरा किया वादा
इसमें दावा किया गया कि यदि कोई निवेशक निवेश की गई राशि के लिए उनसे मोइसैनाइट पत्थर खरीदता है, तो उस व्यक्ति को 10 प्रतिशत का साप्ताहिक ब्याज मिलेगा. पुलिस ने बताया कि इस प्रस्ताव को सुनकर कई लोगों ने कंपनी में पैसा जमा कर दिया. पुलिस ने बताया कि निवेशकों को शुरू में वादे के अनुसार नियमित ब्याज दिया गया, लेकिन 30 दिसंबर 2024 के बाद फर्म ने निवेशकों की कॉल को नजरअंदाज करना शुरू कर दिया. साथ ही खुलासा हुआ की यह पत्थर भी नकली है और इसकी बाजार कीमत महज 500 रुपये है.


इन धाराओं में केस दर्ज
इसके बाद दादर (पश्चिम) में जे.के. सावंत रोड पर स्थित टोरेस स्टोर के बाहर कई निवेशक अपने पैसे की मांग को लेकर इकठ्ठा हुए, जिसके बाद जानकारी मिलने पर पुलिस भीड़ को शांत करने के लिए मौके पर पहुंची. बाद में शिकायत मिलने पर दादर के शिवाजी  पार्क पुलिस स्टेशन में कंपनी के शीर्ष पांच अधिकारियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318 (4), 316 (5), 61 और महाराष्ट्र जमाकर्ताओं के हितों का संरक्षण (एमपीआईडी) अधिनियम की धारा 3 और 4 के तहत मामला दर्ज किया गया.


वहीं जोन 5 के डीसीपी गणेश गावड़े ने कहा, "आने वाले दिनों में ठगे गए निवेशकों की संख्या और इसमें शामिल राशि बढ़ सकती है. एफआईआर दर्ज करने के बाद हमने पुलिस आयुक्त के कार्यालय को एक रिपोर्ट भेज दी है और जल्द ही मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को सौंप दिया जाएगा."



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