Ajit Pawar Meeting: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार दो कार्यक्रमों में शामिल नहीं हुए. इसके बाद राजनीतिक हलकों में कई सवाल खड़े हो गए हैं. पहले कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत और वित्त मंत्री पवार शामिल थे, लेकिन इसके बाद उन्होंने विश्व बैंक के अधिकारियों के साथ बैठक नहीं की जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल शुरू हो गयी है. अजित पवार की प्रतिष्ठा एक ऐसे व्यक्ति के रूप में है जो प्रोटोकॉल और शेड्यूल का सख्ती से पालन करते हैं. रविवार को ठाणे में धर्मवीर आनंद दिघे कैंसर अस्पताल और एक मंदिर परिसर के शिलान्यास समारोह के लिए मुख्य अतिथियों की सूची में उनका नाम था.


कार्यक्रमों में कौन-कौन शामिल हुए?
समारोह में भागवत के साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़णवीस भी मौजूद थे. हालांकि, अजित पवार इसमें शामिल नहीं हुए. देर शाम राज्य सरकार के अधिकारियों और विश्व बैंक के अधिकारियों के बीच बैठक हुई. बैठक में वित्त विभाग के अधिकारियों ने विश्व बैंक के अधिकारियों के समक्ष प्रेजेंटेशन दिया. अजित पवार का नाम राज्य मंत्रिमंडल के उन मंत्रियों की सूची में था जो बैठक में उपस्थित रहेंगे. हालांकि, वह अनुपस्थित थे.


डीसीएम कार्यालय के अधिकारी ने क्या कहा?
उपमुख्यमंत्री अजित पवार रविवार को दो कार्यक्रमों में शामिल नहीं हुए, जिन पर राजनीतिक हलकों में सवाल खड़े हो गए हैं. वहीं, डीसीएम कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि एक महीने से अधिक समय से पवार पर्याप्त आराम किए बिना लगातार काम कर रहे थे. उन्होंने कहा कि चूंकि राज्य विधानसभा सोमवार और मंगलवार को बंद रहती है, इसलिए पवार ने कुछ आराम पाने के लिए 'लंबे वीकेंड' के अवकाश का इस्तेमाल किया. आगे अधिकारी ने बताया कि पवार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पुणे में होंगे.


अनुपस्थिति का क्या कारण बताया गया?
कार्यालय ने कारण बताते हुए कहा कि वह तीन महीने से बिना ब्रेक के लगातार काम कर रहे थे. “उन्होंने तीन दिन आराम करने का फैसला किया क्योंकि हाल के घटनाक्रम ने उन पर मानसिक प्रभाव डाला है. अन्यथा किसी भी धारणा पर विचार नहीं किया जाना चाहिए.


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