Maharashtra Politics: '...तो एकनाथ शिंदे खुद को गोली मार लेते', दीपक केसरकर के सनसनीखेज दावे पर क्या बोले संजय राउत?
Deepak Kesarkar: महाराष्ट्र की राजनीति में दीपक केसरकर के बयान की चर्चा जोरों पर है. उन्होंने CM एकनाथ शिंदे को लेकर बड़ा बयान दिया है. इस बयान पर अब उद्धव गुट की तरफ से संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी है.
Sanjay Raut on Deepak Kesarkar Claim: महाराष्ट्र के स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने सनसनीखेज दावा किया है. लोकसत्ता में छपी एक खबर के अनुसार, उन्होंने कहा, "अगर विधायकों का विद्रोह सफल नहीं होता तो एकनाथ शिंदे खुद को गोली मार लेते." इसके बाद राज्य की राजनीति में भूचाल आ गया था. अब शिवसेना (ठाकरे गुट) के सांसद संजय राउत ने इस पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने दीपक केसरकर की तत्काल गिरफ्तारी की भी मांग की है. वह मुंबई में पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल पर बोल रहे थे.
क्या बोले संजय राउत?
संजय राउत ने कहा, “बापरे, वास्तव में इसके लिए पुलिस को तुरंत दीपक केसरकर को गिरफ्तार करना चाहिए. क्योंकि एक व्यक्ति के मन में आत्महत्या के विचार आते हैं और केसरकर यह जानते हैं." संजय राउत ने कहा, "अगर कल विधानसभा अध्यक्ष इस घटना पर कोई फैसला देते हैं, तो एकनाथ शिंदे आत्महत्या कर सकते हैं. इसलिए, पुलिस को तुरंत दीपक केसरकर को गिरफ्तार करना चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए."
दीपक केसरकर ने क्या कहा?
दीपक केसरकर ने कहा, 'एकनाथ शिंदे ने पहचान के लिए बगावत की. उद्धव ठाकरे वादे करते थे और उन्हें तोड़ देते थे. एकनाथ शिंदे ने विद्रोह जरूर किया था. बाद में एकनाथ शिंदे ने सोचा, ये सब लोग मेरे साथ प्यार से आए हैं. क्योंकि, शिंदे का अपमान हुआ था, उस दिन बरसी थी. शिंदे को हीन समझा जाता था. एकनाथ शिंदे विधायिका के नेता थे. उनका अपमान क्यों करें? इसका उत्तर दिया जाना चाहिए.' दीपक केसरकर ने यह भी कहा कि अगर एकनाथ शिंदे नाराज होते तो वापसी के लिए अपनी तत्परता दिखाते.
बगावत वाले दिन क्या हुआ था?
दीपक केसरकर ने कहा कि शिंदे ने कहा, “एकनाथ शिंदे एक सच्चे शिवसैनिक हैं. एकनाथ शिंदे ने कहा, 'जब मैंने सोचा कि विद्रोह सफल होगा या नहीं, तो मैं एक ही काम करता. मेरे साथ आए सभी विधायकों को वापस भेज दिया जाता. साथ ही एक फोन करके कहता कि इन लोगों की कोई गलती नहीं है. गलती मैंने की है और उसके बाद मैं अपने सिर में गोली मार लेता.' मेरी वजह से किसी विधायक का राजनीतिक नुकसान नहीं होना चाहिए, मैं अपनी जान भी गंवा दूं तो भी ठीक रहेगा. दीपक केसरकर ने यह भी कहा कि ऐसा कहने वाले के पीछे लोग नहीं खड़े होंगे, उसके पीछे कौन खड़ा होगा.