Maharashtra: डिप्टी सीएम अजित पवार ने PM मोदी की मौजूदगी में राज्यापाल पर साधा निशाना, कहा...
Maharashtra: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (Ajit Pawar) ने हाल ही में महाराष्ट्र के राज्यपाल पर चुटकी ली है. उन्होंने कहा कि उच्च पदों पर बैठे कुछ लोग अनावश्यक टिप्पणी कर रहे हैं.
Maharashtra: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (Ajit Pawar) ने हाल ही में महाराष्ट्र के राज्यपाल पर चुटकी ली है. उन्होंने कहा कि उच्च पदों पर बैठे कुछ लोग अनावश्यक टिप्पणी कर रहे हैं और यह राज्य के लोगों को स्वीकार्य नहीं है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता अजीत पवार ने पुणे (Pune) के एमआईटी कॉलेज मैदान में महाराष्ट्र (Maharashtra) के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) पर टिप्पणी की, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और राज्यपाल विभिन्न विकास परियोजनाओं के उद्घाटन के दौरान मौजूद थे.
अजित पवार ने की टिप्पणी
विशेष रूप से, महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी ((MVA-comprising the Shiv Sena, NCP and Congress)) के कुछ नेताओं के साथ-साथ भाजपा (BJP) ने हाल ही में राज्यपाल कोश्यारी की टिप्पणी पर आपत्ति जताई थी कि समर्थ रामदास छत्रपति शिवाजी महाराज के गुरु थे. रविवार को, पीएम मोदी के सार्वजनिक संबोधन से पहले, पवार ने कहा, "मैं एक बात प्रधान मंत्री के ध्यान में लाना चाहता हूं. हाल ही में, महत्वपूर्ण पदों पर बैठे कुछ लोग अनावश्यक टिप्पणी कर रहे हैं जो महाराष्ट्र और उसके नागरिकों को स्वीकार्य नहीं है."
उन्होंने कहा, "छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj ) और उनकी मां राजमाता जीजाऊ ने स्वराज्य का गठन किया. महात्मा ज्योतिबा फुले और क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले (महाराष्ट्र के दोनों समाज सुधारक) ने महिलाओं की शिक्षा की नींव रखी. हमें उनकी विरासत को किसी के खिलाफ द्वेष रखने और राजनीति में लाए बिना आगे बढ़ाने की जरूरत है. विकास कार्य करता है.''
राज्यपाल ने की थी ये टिप्पणी
श्री कोश्यारी ने पिछले रविवार को औरंगाबाद (Aurangaband) में एक कार्यक्रम के दौरान छत्रपति शिवाजी महाराज और चंद्रगुप्त मौर्य (Chandragupta Maurya) का उदाहरण देते हुए गुरु (शिक्षक) की भूमिका को रेखांकित किया. उन्होंने कहा, "कई चक्रवर्ती (सम्राट), महाराजाओं ने इस भूमि पर जन्म लिया था. लेकिन, चंद्रगुप्त के बारे में कौन पूछता था कि चाणक्य नहीं थे? छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में कौन पूछता था कि समर्थ (रामदास) नहीं थे,"
राज्यपाल ने कहा था, "मैं चंद्रगुप्त और शिवाजी महाराज की क्षमता पर सवाल नहीं उठा रहा हूं. जिस तरह एक मां अपने बच्चे को आकार देने में अहम भूमिका निभाती है, उसी तरह हमारे समाज में गुरु (शिक्षक) की भूमिका का बड़ा स्थान है."
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