Maharashtra: डिप्टी CM बनने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में शामिल हुए अजित पवार, जानें- इसमें क्या हुआ?
Ajit Pawar News: महाराष्ट्र की सरकार में शामिल होने के बाद अजित पवार कैबिनेट की बैठक में शामिल हुए. उनके साथ जो आठ विधायक सरकार में शामिल हुए हैं उन्हें अभी विभाग नहीं दिया गया है.
Maharashtra News: महाराष्ट्र की कैबिनेट ने पिछले एक साल में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों का उल्लेख करते हुए मंगलवार को एक पुस्तिका जारी की. मुख्यमंत्री शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने पिछले एक साल में किए कामों का उल्लेख करते हुए पुस्तिका का विमोचन किया. गौरतलब है कि रविवार को अजित पवार की अगुवाई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नौ विधायकों के सरकार में शामिल होने के बाद मंत्रिमंडल की यह पहली साप्ताहिक बैठक थी. राज्य में शिवसेना-बीजेपी गठबंधन सरकार को 30 जून को एक साल पूरा हो गया.
उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अगुवाई में एनसीपी के नवनियुक्त मंत्री राज्य सचिवालय ‘मंत्रालय’ पहुंचे. वे पिछले साल जून में शिवसेना (अविभाजित), एनसीपी और कांग्रेस की महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार गिरने के बाद पहली बार ‘मंत्रालय’ पहुंचे. एमवीए की मंत्रिमंडल की आखिरी बैठक 29 जून 2022 को हुई थी.
अभी नौ मंत्रियों को विभागों का आवंटन नहीं किया गया है. अभी तक मंत्रिमंडल में कोई भी राज्यमंत्री नहीं है. एनसीपी की अदिति तटकरे शिंदे मंत्रिमंडल में शामिल होने वाली पहली महिला हैं. अजित पवार और अन्य नवनियुक्त मंत्रियों ने सचिवालय में छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा ज्योतिबा फुले, सावित्रीबाई फुले, डॉ. बी आर आंबेडकर की तस्वीरों पर पुष्पांजलि अर्पित की.
कल का दिन होगा अहम
कल का दिन महाराष्ट्र के लिए अहम होगा. शरद पवार और अजित पवार गुट बुधवार को क्रमशः दक्षिण मुंबई के यशवंतराव चव्हाण केंद्र और उपनगरीय बांद्रा में भुजबल नॉलेज सिटी में अपनी अलग-अलग बैठक करेंगे. दोनों गुट के पदाधिकारियों ने बताया कि एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने अपने खेमे में शामिल नेताओं की बुधवार दोपहर एक बजे बैठक बुलाई है, जबकि शिंदे-फडणवीस सरकार का हिस्सा बनने वाले अजित पवार नीत गुट की बैठक सुबह 11 बजे होगी. अजित पवार, छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल और हसन मुश्रीफ सहित नौ विधायकों की बगावत से रविवार को पार्टी में हुई टूट के बाद यह दोनों गुटों के सभी पदाधिकारियों की पहली बैठक होगी. दोनों गुटों ने दावा किया है कि उन्हें ज्यादातर विधायकों का समर्थन हासिल है.