Devendra Fadnavis on Maratha Reservation: मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला आने के बाद मनोज जरांगे ने अपना अनशन खत्म कर दिया है. फैसले पर अब देवेंद्र फडणवीस की प्रतिक्रिया आई है. डिप्टी सीएम ने कहा, ''अध्यादेश से मराठा समुदाय के अधिकार उन्हें आसानी से उपलब्ध हो गये हैं. पंजीकृत मराठा समुदाय के लिए प्रमाणपत्र प्राप्त करना कानूनी था. ऐसा करते समय ओबीसी समुदाय को 100 फीसदी सुरक्षा भी प्रदान की जाती है."
क्या बोले डिप्टी सीएम?
देवेंद्र फडणवीस ने अपने बयान में ये भी कहा कि इस पर कुछ नेताओं की व्यक्तिगत भूमिका अलग हो सकती है. यहां बता दें, राज्य सरकार के फैसले पर कई नेताओं ने असहमति जताई है. इस मुद्दे पर अजित गुट के नेता छगन भुजबल और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे का बयान भी सामने आया है. देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि, मराठा आरक्षण को लेकर जो कुछ भी किया गया है यह उनके ध्यान में लाया जाएगा. सरकार ने एक निर्णय लिया है जिससे मराठा समुदाय को लाभ हो रहा है, लेकिन किसी भी समुदाय के साथ अन्याय नहीं होगा. इसमें किसी को चिंता करने की कोई बात नहीं है. हमारी सरकार ओबीसी समुदाय के साथ अन्याय नहीं होने देगी.
बता दें, हाल ही में मराठा समुदाय को दिए गए आरक्षण को हाई कोर्ट में बरकरार रखा गया था. हालांकि, कुछ कारणों से सुप्रीम कोर्ट ने उस आरक्षण को खारिज कर दिया. इसपर डिप्टी सीएम ने कहा, हमने इन कारणों का पता लगाने के लिए एक सर्वेक्षण (Survey) भी शुरू किया है."
महाराष्ट्र सरकार के फैसले पर नारायण राणे ने जताई असहमति
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने कहा कि वह महाराष्ट्र सरकार के उस फैसले से सहमत नहीं हैं, जिसमें कहा गया है कि जबतक मराठों को आरक्षण नहीं मिल जाता है, तबतक उन्हें ओबीसी को मिल रहे सभी लाभ मिलेंगे. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ने राणे ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि यह अन्य पिछड़ा वर्ग (के अधिकारों) में अतिक्रमण होगा और इससे महाराष्ट्र में अशांति फैल सकती है.
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