Maharashtra Health System: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने शनिवार को कहा कि सरकार ने राज्य में स्वास्थ्य संस्थानों को मजबूत करने के लिए काफी धनराशि का आवंटन किया है और जरूरतमंदों के इलाज के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है. फडणवीस ने कहा कि इस साल के बजट में सरकार ने राज्य के हर जिले में सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना की घोषणा की है और 14 जिलों में ये संस्थान स्थापित किये जा रहे हैं और अन्य जिलों में ऐसे संस्थानों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है.


क्या बोले डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस?
उपमुख्यमंत्री ने यहां एक सरकारी चिकित्सा महाविद्यालय में स्वास्थ्य शिविर के उद्घाटन के मौके पर यह बात कही. इस अवसर पर राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल (Radhakrishna Vikhe Patil) और अधिकारी भी मौजूद थे. फडणवीस ने कहा कि अकोला (Akola) में पूर्ण क्षमता वाला एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल (Super Specialty Hospital) शीघ्र ही चालू होगा.


महाराष्ट्र जिला कलेक्टरों को चिकित्सा निधि के उपयोग का अधिकार
गुरुवार को कलेक्टरों को दवाओं की खरीद के लिए जिला योजना विकास समिति (डीपीडीसी) के पास उपलब्ध 100 फीसदी चिकित्सा निधि का उपयोग करने का अधिकार दिया. पहले वे इसका सिर्फ 10 फीसदी ही इस्तेमाल कर पाते थे. इसके अतिरिक्त, नांदेड़ घटना के मद्देनजर, स्वास्थ्य विभाग ने किसी भी संभावित कमी को दूर करने के लिए आवश्यक और जीवन रक्षक दवाएं तत्काल खरीदने का निर्णय लिया है.


महामारी के दौरान, आपातकालीन खरीद की सुविधा के लिए जिलों को समान शक्तियां सौंपी गईं. डीपीडीसी निधि का एक निश्चित हिस्सा चिकित्सा आपूर्ति के लिए नामित किया गया है. हालांकि, जिले इस आवंटन का केवल 10 फीसदी ही खर्च करने में सक्षम थे, शेष 90 फीसदी हाफकिन बायोफार्मास्युटिकल द्वारा थोक खरीद के लिए निर्देशित किया गया था.


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