Maharashtra Diwali Celebration 2023: दिवाली की धूम हर तरफदेखने को मिल रही है. इसलिए कई नेताओं की ओर से भी पटाखे खरीदे जा रहे हैं. तत्कालीन केंद्रीय मंत्री रावसाहब दानवे भी अपने पोते-पोतियों के साथ भोकरदन की एक दुकान पर गए और पटाखे खरीदे. इस बीच जब 'एबीपी माझा' के प्रतिनिधि ने पूछा कि कौन सा पटाखा किस नेता के लिए है तो दानवे ने अजीब जवाब दिया.


कौन सा पटाखा किसके लिए? 
ABP माझा में छपी डॉ. कृष्णा केंडे की एक खबर के अनुसार देवेन्द्र फडणवीस (जुड़वा बम) : देवेन्द्र फडणवीस सुतली बम हैं. यह कब किस पर गिर जाए और किसको क्या नुकसान पहुंचा दे, कुछ कहा नहीं जा सकता.


नरेंद्र मोदी (रॉकेट): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चांद पर रॉकेट भेजा है. दुनिया में जहां आज तक कोई नहीं गया, वहां भी मोदी ने रॉकेट भेजे हैं. दानवे ने कहा, यही कारण है कि वर्तमान में रॉकेट मोदी राजनीति में हैं. 


उद्धव ठाकरे (फुस्का पटाखा): उद्धव ठाकरे का मतलब फुस्का फटाका है. इसलिए दानवे ने कहा कि वह उद्धव ठाकरे के लिए पटाखे लेकर जाएंगे. 


संजय राउत (बीना वटी के पटाखे): इस बीच, संजय राउत के लिए किस तरह का पटाखा खरीदा जाएगा, इसके बारे में बात करते हुए रावसाहेब दानवे ने कहा कि वह उनके लिए एक बिना बत्ती वाला पटाखा खरीदेंगे.


अजित पवार (तोत्या फाटक): हम अजित पवार के लिए तोत्या फाटक खरीदेंगे. क्योंकि, यह पटाखा आवाज करता है.


शरद पवार (डबल साउंड क्रैकर): हम शरद पवार के लिए दो वॉट का पटाखा लेने जा रहे हैं. क्योंकि, कौन सी आवाज कहां से आएगी और कहां से नहीं आएगी, इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता. इसलिए दानवे ने कहा कि वह शरद पवार के लिए डबल आवाज वाले पटाखे लाएंगे. 


राहुल गांधी (सुरसुरी): अगर राहुल गांधी को पटाखे खरीदने होते तो सुरसुरी वहीं से खरीदते, जहां बच्चे खेलते हैं. सुरसुरी उनके लिए बिल्कुल उपयुक्त है. उसकी आवाज कभी बाहर नहीं जाती, वह बस चमकती है. 


नारायण राणे (पत्थर पटाखा): नारायण राणे बहुत पुराना पटाखा है. राणे का अर्थ है पत्थर का पटाखा. एक बार पत्थर पर रखकर ऊपर से मारने पर वह टूट जाता है.


स्काईशॉट: आतिशबाजी की सूची में स्काईशॉट हमारे समय में नहीं था. इसलिए मुझे कोई ऐसा व्यक्ति नजर नहीं आता जो राजनीति में नया-नया आया हो और चमकता हुआ नेता हो. दानवे ने कहा, कुछ लोग हैं, लेकिन वे अभी नेता नहीं हैं. 


मेरे बच्चों ने मुझसे कभी पटाखे नहीं मांगे. उस दौरान मैंने कभी दुकान पर जाकर पटाखे नहीं खरीदे. परिवार के सदस्य बच्चों के साथ पटाखे खरीदने आते थे. लेकिन अब पोते-पोतियों के साथ पटाखे खरीदने की जिद करते हैं. इसलिए मैं आज जानबूझकर पटाखे खरीदने के लिए दुकान पर आया.


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