Maharashtra News: निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरदचंद्र पवार (राकांपा-एसपी) को महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चंदा स्वीकार करने की अनुमति सोमवार (8 जुलाई) को दे दी. शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी ने आयोग से अनुरोध किया था कि वह जनता से स्वैच्छिक योगदान स्वीकार करने के लिए पार्टी के दर्जे को प्रमाणित करे. आयोग ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धाराओं के तहत पार्टी को सरकारी कंपनी के अलावा किसी भी व्यक्ति या कंपनी द्वारा स्वैच्छिक रूप से दी गई राशि को स्वीकार करने के लिए ऑथराइज्ड किया है.


राकांपा-एसपी के आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने अपनी कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले के नेतृत्व में सोमवार को निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की. इस दौरान सुले ने मीडिया से कहा कि "इससे पहले हम अपनी पार्टी के लिए चंदे के तौर पर चेक प्राप्त नहीं कर सकते थे. हमें अन्य राजनीतिक दलों की तरह चंदे पर लोन लाभ नहीं मिल रहा था. हम यह विधानसभा चुनाव पारदर्शी तरीके से लड़ना चाहते हैं, जिसमें केवल वाइट मनी का इस्तेमाल हो. मैं निर्वाचन आयोग की आभारी हूं कि उसने हमें कानूनी और पारदर्शी तरीके से चंदा जुटाने की अनुमति दे दी है."


SC में सुनवाई पूरी होने तक चंदा लेने की अनुमति
राकांपा-एसपी को चंदा स्वीकार करने का अधिकार निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई पूरी होने तक लागू रहेगा. पिछले साल जुलाई में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के खिलाफ बगावत की, जिससे एनसीपी दो हिस्सों में बंट गई थी. उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा में पार्टी के दो-तिहाई से अधिक विधायकों के समर्थन का हवाला देकर चुनाव चिह्न के साथ-साथ पार्टी का नाम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पर भी दावा किया था.


आयोग ने अजित पवार गुट के दावे को सही ठहराया और शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट को लोकसभा चुनावों के मद्देनजर अंतरिम उपाय के तौर पर नया नाम चुनने को कहा. बता दें शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा-एसपी ने महाराष्ट्र में 10 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा और आठ पर जीत हासिल की. जबकि अजित पवार की राकांपा ने पांच सीटों पर चुनाव लड़ा और सिर्फ एक पर जीत हासिल कर सकी.


लोकतंत्र में पारदर्शिता होनी चाहिए-सुले
सुप्रिया सुले ने कहा कि राकांपा-एसपी ने 'तुरही' और 'तुरही बजाता हुआ आदमी' जैसे समान दिखने वाले चुनाव चिह्न का मुद्दा भी उठाया. निर्वाचन आयोग ने राकांपा-एसपी को 'तुरही बजाता हुआ आदमी' चुनाव चिह्न आवंटित किया था. 


सुले ने कहा कि "लोकतंत्र में पारदर्शिता होनी चाहिए. किसी भी उम्मीदवार के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए, लेकिन सतारा में अन्याय हुआ. हमारे चुनाव चिह्न 'तुरही बजाता हुआ आदमी' 'तुरही' जैसे दिखने वाले चिह्न के बगल में था. पार्टियों या उम्मीदवारों को समान दिखने वाले चुनाव चिह्न आवंटित नहीं किए जाने चाहिए. आयोग ने कहा है कि वो मामले पर गौर करेंगे और हमें जवाब देंगे."



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