ED raids in Maharashtra:प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शनिवार को दो महीने में दूसरी बार वरिष्ठ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता हसन मुश्रीफ (Hassan Mushrif) के घर और अन्य परिसरों पर छापा मारा. ईडी की ये छापेमारी कोल्हापुर के एक सहकारी चीनी मिल की खरीद में कथित अनियमितताओं के संबंध में की गई. इससे पहले ईडी ने 11 जनवरी को कोल्हापुर (Kolhapur) और पुणे (Pune) में उनके रिश्तेदारों और सहयोगियों के अलावा मुश्रीफ के खिलाफ यह दूसरी सीधी कार्रवाई है.


मुश्रीफ पर ये है आरोप


भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने मुश्रीफ पर एक सहकारी चीनी मिल में 100 करोड़ रुपये की अनियमितता और 127 करोड़ रुपये के मनी-लॉन्ड्रिंग घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था. कड़ी सुरक्षा के बीच मुश्रीफ के घर पर ईडी की एक टीम ने छापे की कार्रवाई को अंजाम दिया. इस दौरान उनके घर की तलाशी ली गई. वहीं, सोमैया ने दावा किया है कि मुश्रीफ ने कथित तौर पर अप्पासाहेब नलावडे गडहिंग्लज कोऑपरेटिव शुगर मिल लिमिटेड के कंट्रोल को अपने कब्जे में ले लिया, जिसमें भारी भुगतान किया गया था और संदिग्ध लेनदेन के माध्यम से भारी मात्रा में मनी-लॉन्ड्रिंग की गई थी, जिससे उन्हें, उनके परिवार या सहयोगियों को लाभ हुआ था. 


मुश्रीफ ने आरोपों से किया इंकार


हालांकि, मुश्रीफ ने सभी आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि एजेंसी की छापेमारी केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा की ओर से एक राजनीतिक चाल है. उन्होंने ईडी पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक 'विशेष समुदाय' के लोगों को व्यवस्थित रूप से परेशान किया जा रहा है. 


एनसीपी कार्यकर्ताओं ने किया विरोध-प्रदर्शन


आज सुबह छापेमारी शुरू होते ही बड़ी संख्या में महिलाओं सहित नाराज राकांपा कार्यकर्ता मुश्रीफ के घर के बाहर जमा हो गए और उन्होंने भाजपा, सरकार और जांच एजेंसियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. 


बीजेपी पर बरसे विपक्षी दल के नेता


महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के नेताओं जैसे राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंधे, शिवसेना (यूबीटी) के राष्ट्रीय प्रवक्ता किशोर तिवारी और अन्य ने राजनीतिक विरोधियों को शिकार बनाने के लिए भय की राजनीति, प्रतिशोध और केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग करने के लिए भाजपा की आलोचना की. कागल से 5 बार के विधायक मुश्रीफ एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के करीबी और विश्वासपात्र माने जाते हैं. मुश्रीफ डेमोट्रिक फ्रंट और एमवीए सरकारों में कई वर्षों तक मंत्री रह चुके हैं. 


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