Mahendra Thorve and Dadaji Bhuse Video: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे गुट के दो विधायक आपस में भीड़ गए. शिवसेना मंत्री दादा भुसे और विधायक महेंद्र थोरवे के बीच नोकझोंक देखी गई. किसी बात को लेकर दोनों के बीच बहस भी हुई. ABP माझा की एक खबर के अनुसार मंत्री दादा भुसे और विधायक थोरवे ने एक दुसरे को विधानमंडल की लॉबी में धक्का दे दिया. इसके बाद हंगामा मच गया. 


भरत गोगावले और शंभुराज देसाई ने किया बीच बचाव
इस बीच मामले को शांत कराने के लिए पार्टी के प्रवक्ता भरत गोगावले और शंभुराज देसाई को बीच-बचाव करना पड़ा. हालांकि एकनाथ शिंदे की पार्टी की तरफ से कहा तो ये जा रहा है कि ऐसी कोई बात नहीं है लेकिन कांग्रेस विधायक का कुछ और ही कहना है.






कांग्रेस विधायक का निशाना
महाराष्ट्र के मंत्री दादाजी भुसे और शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के विधायक महेंद्र थोरवे के बीच हाथापाई पर कांग्रेस विधायक कैलाश गोरंट्याल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'जब दादाजी भुसे ने विधायक को कोहनी से मारा, तब मैं वहां मौजूद था. इस तरह की बात लोकतंत्र पर धब्बा है. मैं इसकी निंदा करता हूं.' सीएम का अपने मंत्रियों पर कोई नियंत्रण नहीं है. अगर कोई पुलिस केस करेगा तो मैं चश्मदीद गवाह बनने को तैयार हूं. हम मंत्री के इस्तीफे और विधायक के निलंबन की मांग करते हैं.”


शिवसेना विधायक ने दी सफाई
इस बीच अब महाराष्ट्र के मंत्री और शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के विधायक शंभूराज देसाई का भी बयान सामने आ गया है. उन्होंने कहा, ''सदन की बाहरी लॉबी में हमारे एक विधायक (महेंद्र थोरवे) और एक मंत्री (दादाजी भुसे) चर्चा कर रहे थे, उसी दौरान विधायक की आवाज उंची हो गई थी. उनके बीच हाथापाई जैसी कोई बात नहीं है. इतना सब होने के बाद मैंने संबंधित मंत्री और विधायक के साथ अंदर की लॉबी में बैठक की. कल हम मिलेंगे और विधायक के लंबित कार्यों पर चर्चा करेंगे.''


हाथापाई की खबर पर महेंद्र की प्रतिक्रिया
मंत्री दादाजी भुसे के साथ हुई हाथापाई पर शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के विधायक महेंद्र थोरवे ने कहा, ''ऐसी कोई हाथापाई नहीं हुई थी. मैंने उसे कुछ काम के बारे में बताया था और पूछ रहा था कि काम पूरा हुआ या नहीं. यह हमारे बीच एक छोटी सी बातचीत थी लेकिन अब चीजें सुलझ गई हैं. आज विधानसभा का आखिरी दिन है और विधायक आमतौर पर लंबित कार्यों के बारे में पूछते हैं. सीएम एकनाथ शिंदे सुनिश्चित करते हैं कि हर विधायक का काम हो और मंत्रियों को भी ऐसा ही करना चाहिए.''


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