Maharashtra Cabinet News: महाराष्ट्र कैबिनेट ने जस्टिस शिंदे कमेटी की दूसरी और तीसरी रिपोर्ट सोमवार (30 सितंबर) को स्वीकार कर लिया. कमेटी का गठन ऐतिहासिक रिकॉर्ड के आधार पर कुनबी-मराठा और मराठा-कुनबी सर्टिफिकेट जारी करने के लिए प्रोटोकॉल को अंतिम रूप देने के मकसद से किया गया था.
कुनबी एक खेती करने वाला समुदाय है और इसे महाराष्ट्र में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के तहत रखा गया है. विधानसभा चुनावों के मद्देनजर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में कैबिनेट ने 38 प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिनमें से कुछ मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में सड़क और मेट्रो रेल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने को लेकर संबंधित थे.
पिछले साल आई थी जस्टिस शिंदे कमेटी की दूसरी रिपोर्ट
जस्टिस संदीप शिंदे (रिटायर्ड) कमेटी ने पिछले दिसंबर में अपनी दूसरी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसे प्रदेश की सरकार ने आधिकारिक तौर से स्वीकार नहीं किया था. राज्य कैबिनेट से सोमवार को शिंदे पैनल की रिपोर्ट को स्वीकार करना मराठा समुदाय को संतुष्ट करने के लिए एक अहम कदम के रूप में देखा जा रहा है.
ठाणे रिंग मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए 12,200 करोड़
एकनाथ शिंदे की सरकार ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने ठाणे रिंग मेट्रो परियोजना के लिए 12,200 करोड़ रुपये के संशोधित प्रस्ताव को भी मंजूरी दी. इसके अलावा ठाणे-बोरीवली सुरंग मार्ग के लिए ऋण के माध्यम से 15,000 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई है. चुनाव कार्यक्रम और आचार संहिता की घोषणा की संभावना को देखते हुए प्रदेश की सरकार लगातार कैबिनेट की बैठकें कर रही है.
महाराष्ट्र में 23 सितंबर को आयोजित पिछली बैठक में एकनाथ शिंदे की सरकार ने तीन कुनबी उपजातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. अधिकारियों ने कहा था कि पिछली कैबिनेट बैठक में गाय के दूध उत्पादकों के लिए सात रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी जारी रखने सहित कुल 24 निर्णय लिए गए थे.
ये भी पढ़ें:
चुनाव से पहले महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, गाय को दिया 'राज्यमाता' का दर्जा