Maharashtra Politics: एकनाथ शिंदे  की सरकार ने महाराष्ट्र में रह रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए बड़ा फैसला लिया है. राज्य सरकार ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस को ये जिम्मा सौंपा है कि वो राज्य में रह रहे मुस्लिम समुदाय के लोगों का आर्थिक और शैक्षणिक विकास की स्थिति को लेकर डिटेल स्टडी करें.


राज्य सरकार ने इस काम के लिए 33.9 लाख रुपए के बजट का प्रावधान  किया है. साल 2013 में नियुक्त महमूद उर रहमान की अध्यक्षता में बनी कमेटी द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के आधार पर नई रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है. राज्य सरकार के इस निर्णय का विपक्षी कांग्रेस पार्टी के विधायक अमीन पटेल ने स्वागत किया है.


अमीन पटेल ने कहा है कि अगर राज्य सरकार सही में राज्य के अल्पसंख्यक समुदाय के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक  को लेकर काम करना चाहती है तो सरकार के इस कदम का स्वागत है. साथ ही अमीन पटेल ने इस बात को भी माना कि महमूद उर रहमान कमिटी द्वारा रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद जिस तरह से मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए काम किया जाना था उस तरह से काम हुआ नहीं.


मुस्लिम समाज के लोगों के शिक्षा के क्षेत्र में सबसे ज्यादा काम करने की  जरूरत है और इसलिए जरूरी है कि उन्हें आरक्षण दिया जाए. उम्मीद है कि नई सरकार के दिशा में काम करेगी. टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS) द्वारा की जाने वाली स्टडी को सरकार गंभीरता से लेगी.  जिस महमूद उर रहमान कमिटी रिपोर्ट के आधार पर TISS को आगे का काम करने के लिए कहा गया है उस रिपोर्ट को साल 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान को सौंपा गया था.


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