HIGH COURT OF BOMBAY: बंबई हाई कोर्ट ने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार के उन दो आदेशों के अमल पर रोक लगा दी है, जिसके तहत पूर्ववर्ती सरकार के दौरान पुणे जिले के एक गांव में शुरू की गई विकास परियोजना से जुड़े कार्यों को रोक दिया गया था. गांव में यह विकास कार्य उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की अगुवाई वाली पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार द्वारा शुरू किया गया था. जज आरडी धानुका और जज एस. जी. दिगे की पीठ ने बीते 28 नवंबर को दिये गये अपने आदेश में कहा कि इस तरह के कार्य को रोकने का नतीजा यह होगा कि इस परियोजना के लिये निर्धारित बजट समाप्त हो जाएगा.
बेलेवाड़ी ग्राम पंचायत द्वारा की गई थी याचिका
पीठ पुणे की बेलेवाड़ी ग्राम पंचायत द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया गया था. ये आदेश मुख्यमंत्री शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर से इस साल 19 जुलाई और 25 जुलाई को दिये गये थे. इन आदेशों के जरिये राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्यभर में शुरू किये गये विकास कार्यों को रोक दिया था, जिसमें बेलेवाड़ी पंचायत भी शामिल है.
याचिका में कहा गया कि पूर्ववर्ती एमवीए सरकार ने 31 मार्च, 2022 को गांव में नाले के निर्माण की मंजूरी दी थी और इसके लिए 14 जुलाई को ठेकेदार को काम सौंपा गया था. याचिका में दावा किया गया है कि राज्य सरकार ने 19 जुलाई और 25 जुलाई को बिना कोई कारण बताये अचानक इन कार्यों को रोक दिया. याचिका में दावा किया गया है कि यह काम मार्च 2023 से पहले पूरा किया जाना है और अगर इसे नहीं किया गया तो अन्य इस मद के लिये मिला बजट समाप्त हो जाएगा.
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