(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
क्या रहे थे 2019 के चुनाव के नतीजे? जिसने बदल कर रख दी महाराष्ट्र की सियासी तस्वीर
Maharashtra Election Result 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव नतीजों की तस्वीर आज साफ हो जाएगी. इससे पहले 2019 के नतीजों को जानना भी जरूरी है जिसने सियासी तस्वीर ही बदल डाली.
Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के वोटों की गिनती आज होनी है. राजनीतिक पार्टियों की निगाहें इसी पर टिकी हैं. 2024 चुनाव के नतीजों से पहले 2019 के परिणाम पर गौर करते हैं जिसने वहां कुछ समय तक ना केवल सत्ता का गतिरोध पैदा कर दिया बल्कि महाराष्ट्र की पूरी राजनीति ही बदल कर रख दी थी.
2019 का चुनाव एनडीए बनाम यूपीए का था. एनडीए में बीजेपी और अविभाजित शिवसेना तो यूपीए में कांग्रेस और अविभाजित एनसीपी थी. सीट शेयरिंग फॉर्मूले के तहत बीजेपी 152 और शिवसेना ने 124 सीटों पर चुनाव लड़ा. एनडीए के दूसरे साझीदारों के लिए 12 सीटें रखी गई थीं. यूपीए में कांग्रेस और एनसीपी 125-125 सीटों पर चुनाव लड़ी जबकि अन्य साझीदारों के लिए 38 सीटें छोड़ी गई. चुनाव में कुछ अन्य पार्टियां भी अपना दांव आजमा रही थीं.
सीटों के लिहाज से पार्टियों का प्रदर्शन
2019 में मतदान के प्रतिशत में 2014 की तुलना में करीब दो प्रतिशत की गिरावट आई थी. कुल मतदान प्रतिशत 61.44 था. बीजेपी को 17 सीटों का नुकसान झेलना पड़ा फिर भी वह अकेले पार्टी रही जिसने 105 सीटें जीती. इसकी तत्कालीन सहयोगी अविभाजित शिवसेना जिसका नेतृत्व उस वक्त उद्धव ठाकरे कर रहे थे, ने 56 सीटें जीतीं. उसे सात सीटों का नुकसान हुआ था. यूपीए में कांग्रेस ने दो सीटों के फायदे के साथ 44 सीटें जीतीं और एनसीपी ने 13 सीटों के फायदे के साथ 54 सीटें अपने नाम कीं. एक सीट राज ठाकरे की मनसे और दो सीट ओवैसी की एआईएमआईएम ने हासिल की थी.
वोट शेयर में कौन आगे, कौन था पीछे?
बीजेपी को 25.75 प्रतिशत वोट हासिल हुए जो कि 2014 (27.81 प्रतिशत )के मुकाबले कम था. शिवसेना का वोट शेयर भी कम हुआ और उसे 16.41 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे जो कि 2014 में 19.35 प्रतिशत थे. एनसीपी की सीट भले ही बढ़ी हो लेकिन उसके वोट शेयर में गिरावट दर्ज की गई. उसने 16.71 प्रतिशत वोट हासिल किए. कांग्रेस को भी वोटों (2014 में 17.95 प्रतिशत) का नुकसान हुआ और उसे 15.87 प्रतिशत वोट मिले. वोटों के लिहाज से एआईएमआईएम को फायदा हुआ और उसे 1.34 प्रतिशत वोट हासलि हासिल हुए. मनसे के वोट में गिरावट दर्ज की गई और उसने 2.25 कुल वोट मिले.
2019 में अलग हुईं बीजेपी और उद्धव की राहें
चुनाव के बाद उपजे मतभेद के कारण शिवसेना और बीजेपी की राहें जुदा हो गईं. उद्धव ठाकरे यूपीए का हिस्सा बन गए और महाविकास अघाड़ी के अंतर्गत नई सरकार का गठन हुआ और वो सीएम बने. हालांकि 2022 में शिवसेना का विभाजन हो गया. उनकी पार्टी के 40 विधायकों ने अलग गुट बना लिया और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई.
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