'हमे हिंदुत्व चाहिए लेकिन...', महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच मनोज जरांगे ने क्यों कही ये बात?
Maharashtra Election 2024: मनोज जरांगे ने कहा कि वह एससी-एसटी के लिए आरक्षित सीटों पर प्रत्याशी नहीं उतारेंगे. जरांगे ने यह भी कहा कि जहां जीत की उम्मीद नहीं है वहां प्रत्याशी नहीं उतारेंगे.
Maharashtra News: मराठा आरक्षण की मांग करने वाले एक्टिविस्ट मनोज जरांगे (Manoj Jarange) ने रविवार को डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) पर हमला करते हुए उन्हें क्रूर इंसान बताया और कहा कि जिसकी आयोग ने कोई सिफारिश नहीं की, जिस जाति ने आंदोलन नहीं किया, 15 जाति ने आरक्षण नहीं मांगा लेकिन उनको ओबीसी से आरक्षण दिया गया. उन्होंने आगे कहा कि मुझे देवेंद्र फडणवीस जबरन राजनीति में लेकर आए हैं.
एबीपी माझा की रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव लड़ने के मुद्दे पर जरांगे ने कहा कि 20 नवंबर के लिए हम तैयार हैं. कई उम्मीदवार टिकट मांग रहे हैं. मनोज जरांगे ने कहा, ''मैं यह नहीं कहता कि अपने उम्मीदवार खड़े नहीं होंगे. कुछ भी करो समाज नहीं हारना चाहिए. मेरी राजनीति में जाने की इच्छा नहीं है अगर हम लड़ते हैं तो बीजेपी खुश हो जाती है. अगर नहीं लड़ते तो महाविकास अघाड़ी खुश हो जाती है.''
'सत्ता परिवर्तन चाहिए धर्म परिवर्तन नहीं'
मनोज जरांगे ने कहा, "हमें सत्ता परिवर्तन चाहिए न की धर्म परिवर्तन नहीं. हमे हिंदुत्व चाहिए लेकिन वो छत्रपति शिवाजी महाराज का हिंदू में मराठा है. लेकिन जब मराठा आरक्षण माँगता है तो हिंदू विरोध क्यों करता है. आपको हिंदू को बड़ा करना है तो मराठा को आरक्षण दो."
जीतने वालों को देंगे टिकट - मनोज जरांगे
मनोज जरांगे ने कहा कि जहां-जहां उम्मीदवार जीत सकते हैं हम वहां टिकट देंगे. एससी-एसटी सीटों पर उम्मीदवार नहीं देंगे. जहां जीत नहीं सकते वहां उम्मीदवार नहीं देंगे. मनोज जरांगे ने किसी पार्टी के प्रत्याशी को समर्थन देने की बात पर कहा, ''हम किसी सीट पर उस उम्मीदवार का समर्थन करेंगे जो 500 रुपये के बॉन्ड पर लिखकर देंगे कि मराठा की समाज की मांगे मान्य हैं.''
चुनाव में बता दो क्या है मराठा- मनोज जरांगे
एक्टिविस्ट मनोज जरांगे ने जनता से अपील करते हुए कहा, ''आप यह मत सोचो यह उम्मीदवार अच्छा है या नहीं. आपका काम नहीं हुआ तो सबक सीखाने के लिए मैं हूं ना राजनीति में. इतनी आदत मत लगाओ. हमे ख़त्म करने वालों को इस बार ख़त्म करना है. ज़रूरत पड़ने पर दो कदम पीछे जाओ. मराठा क्या है. यह इस बार चुनाव में दिखा दो और राजनीति में मेरे समाज की गर्दन झुकनी नहीं चाहिए. चुनाव आते जाते रहेंगे आपको जो फैसला लेना है लो, समाज की गर्दन झुकनी नहीं चाहिए.''
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