(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मैनिफेस्टो में FDI को लेकर घिरी MVA, शिंदे गुट के नेता मिलिंद देवड़ा ने पूछा ये सवाल
Maharashtra Election 2024: MVA ने अपने चुनावी घोषणापत्र में उद्योगों को लेकर जो घोषणाएं की है, उस पर सत्तारूढ़ शिवसेना ने जोरदार हमला बोला है. मिलिंद देवड़ा ने आंकड़ों के साथ MVA को घेरा है.
Maharashtra Assembly Election 2024: महाविकास अघाड़ी (MVA) ने अपने मैनिफेस्टो ने वादा किया है कि देश में आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में से 40 फीसदी निवेश महाराष्ट्र में आएगा. इस पर एकनाथ शिंदे गुट के सांसद मिलिंद देवड़ा (Milin Deora) ने एमवीए को घेरा है. मिलिंद देवड़ा ने कहा कि महायुति सरकार पहले ही 52 प्रतिशत एफ़डीआई हासिल कर चुकी है और एमवीए ने इसे गिराकर 40 प्रतिशत करने का वादा किया है.
मिलिंद देवड़ा ने 'एक्स' पर लिखा, ''एमवीए का दृष्टिकोण वास्तव में चौंकाने वाला है. सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार ने भारत के कुल एफडीआई का 52 प्रतिशत महाराष्ट्र को दिलाया है. फिर भी एमवीए अपने मैनिफेस्टो में इसे गिराकर 40 प्रतिशत करने का वादा कर रही है. क्या हमारे राज्य के लिए उनकी यह महात्वाकांक्षा है?''
The MVA’s “vision” is truly baffling. Under CM @mieknathshinde ji, the #Mahayuti Government has secured 52% of India’s total #FDI for #Maharashtra.
— Milind Deora | मिलिंद देवरा ☮️ (@milinddeora) November 10, 2024
Yet, the MVA manifesto promises to bring it *down* to 40%!
Is this really the ambition they have for our state? pic.twitter.com/jdgP9yJRN8
MVA ने औद्योगिक नीति को भी मैनिफेस्टो में दी जगह
एमवीए ने आज अपना मैनिफेस्टो जारी किया तो इसमें उद्योगों को लेकर भी कुछ बड़े वादे किए गए हैं जैसे इसने कहा है कि हमें यह सुनिश्चित करना कि महाराष्ट्र में परियोजनाएं अन्य राज्यों में नहीं जाएं ताकि इससे स्थानीय लोगों को अधिकतम रोजगार मिल सके. इसने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में महाराष्ट्र की साख सुधारने और महाराष्ट्र को फिर से देश में शीर्ष स्थान पर लाने के लिए रोजगारोन्मुखी और बेरोजगारी मुक्ति वाली नई औद्योगिक नीति बनाई जाएगी.
स्वर्णिम त्रिभुज बनाने का किया वादा
इस औद्योगिकी नीति का ध्यान विदेशी निवेश को आकर्षित करने, निर्यात को बढ़ावा देने और सूक्ष्म, मध्यम और लघु उद्यमों को प्रोत्साहित करने पर होगा. राज्य में सूक्ष्म एवं लघु उद्यम के लिए अलग मंत्रालय स्थापित किया जाएगा. नए आर्थिक और रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए मराठवाड़ा, विदर्भ और उत्तरी महाराष्ट्र के औद्योगिक केंद्रों को जोड़कर एक नया 'स्वर्णिम त्रिभुज' बनाया जाएगा.
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