Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महाविकास अघाड़ी में अभी भी कुछ सीटों को लेकर गतिरोध बरकरार है. सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए एमवीए के सहयोगियों के बीच लगातार मंथन जारी है. इस बीच महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अबू आजमी ने MVA को घेरा है. उन्होंने कहा है कि अभी तक सीटों का बंटवारा फाइनल न हो पाना बहुत ही अफसोस की बात है.


मुंबई में मीडिया से बातचीत में समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने कहा, "हमने जो 5 उम्मीदवार घोषित किए हैं, वे जीतने जा रहे हैं. मैं उतना इंतजार नहीं कर सकता, जितना ये (महा विकास अघाड़ी) लोग इंतजार कर रहे हैं. सिर्फ 2 दिन बचे हैं, फॉर्म भरने का लास्ट डेट है लेकिन अभी तक सीटों का बंटवारा नहीं हुआ है.''






टिकट बंटवारा फाइनल न करना MVA की बड़ी गलती- अबू आजमी


SP नेता ने आगे कहा, ''ये बहुत ही अफसोस और दुख की बात है कि जो लोग सरकार बनाने की बात कर रहे हैं वो अभी तक टिकट नहीं बांट रहे हैं. इतना विलंब करना महा विकास अघाड़ी की बड़ी गलती है. मैं शरद पवार साहब से मिला और सीटों के बंटवारा न होने का दुख जाहिर किया. MVA में कोई सबसे बड़ा नेता है तो वो शरद पवार साहब ही हैं. उनसे बात की जा सकती है. मैं समझता हूं कि दूसरी पार्टियों में इतना बड़ा नेता कोई नहीं है.'' 


मेरे पास 25 उम्मीदवार तैयार- अबू आजमी


अबू आजमी ने कहा, ''मैंने शरद पवार से कहा कि हमने 5 उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. अगर आप मुझे जवाब देते हैं तो ठीक है नहीं तो मेरे पास 25 उम्मीदवार तैयार हैं. मैं डरा हुआ हूं क्योंकि पहले कांग्रेस ने मुझे दो बार धोखा दिया है. अब दो दिन बचे हैं तो ये अभी कह रहे हैं कि हमारी सीटों का बंटवारा अभी हो रहा है, इंतजार करो. अंत में ये लोग धोखा दे देते हैं. उन्होंने मुझे एक दिन का टाइम दिया है और कल दोपहर तक का इंतजार करने को कहा है. 


अबू आजमी ने अलायंस के साथ रहने के लिए रखी शर्त


समाजवादी पार्टी के महाराष्ट्र अध्यक्ष ने आगे कहा, ''अगर इन्होंने मेरे पांच सीट को ओके किया. ये पांच सीट पर पक्का लड़ाते हैं साथ ही एक दो और सीट देने की बात थी. अगर ये होता है तो मैं अलायंस के साथ रहूंगा और नहीं दिया तो मैं 25-30 आजाद उम्मीदवारों को चुनाव लड़ाऊंगा.'' 


अबू आजमी का कांग्रेस पर तंज


उन्होंने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. सपा नेता ने कहा, ''कांग्रेस हारती है क्योंकि वे दिल्ली जाते रहते हैं और यहां निर्णय नहीं लेते हैं. मैं समझता हूं कि बार-बार दिल्ली भागकर जाना और उनसे पूछना, ये गलत है. ये अधिकार प्रदेश का होना चाहिए."


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