Sharad Pawar News: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 इसी साल के अंत में आयोजित किए जाएंगे. इसको लेकर महायुति और महाविकास अघाड़ी, दोनों ही गठबंधन एड़ी-चोटी का जोर लगाकर मेहनत में जुट गए हैं. हालांकि, इंडिया अलायंस में शामिल शरद पवार बीते लोकसभा चुनाव से ही एक उलझन का सामना कर रहे थे, जिसे लेकर वह आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भी चिंतित थे. अब राज्य चुनाव आयोग ने सुलझा शरद पवार की इस उलझन का भी हल निकाल दिया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र चुनाव आयोग ने एक बड़ा फैसला लिया, जिसके तहत अब अन्य पार्टियों के फ्री सिंबल की लिस्ट से 'तुरहा' यानी ट्रंपेट हटा दिया गया है. यह फैसला स्टेट इलेक्शन कमीशन ने बीते मंगलवार ही ले लिया था, लेकिन सार्वजनिक शुक्रवार 19 जुलाई को किया.
पार्टी सिंबल एक जैसा होने से कंफ्यूजन का दावा
जानकारी के लिए बता दें कि एनसीपी के विभाजन के बाद शरद पवार गुट को चुनाव आयोग की ओर से जो चुनाव चिन्ह दिया गया था, उसमें एक व्यक्ति तुरहा बजा रहा है. हालांकि, हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार को एक सिंबल असाइन किया था, जो केवल तुरहा था. इसके बाद शरद पवार गुट के नेताओं की ओर से दावा किया गया था कि एक जैसे सिंबल होने की वजह से जनता में कंफ्यूजन की स्थिति पैदा हो गई और कई लोकसभा सीटों पर शरद पवार की एनसीपी के वोट कट कर निर्दलीय को चले गए.
इन दो सीट पर शरद पवार गुट को आई थी परेशानी
जानकारी के लिए बता दें, महाराष्ट्र की सतारा लोकसभा सीट पर भी कुछ ऐसा ही होने का दावा किया गया था. सतारा सीट पर एनडीए उम्मीदवार उदयनराजे भोसले को जीत मिली थी, जबकि शरद पवार गुट के शशिकांत शिंदे 37,771 मतों के अंतर से हार गए थे. परिणाम आने के बाद शरद पवार गुट का दावा था कि निर्दलीय उम्मीदवार (जिसका सिंबल तुरहा था) को 37,062 वोट इसलिए मिले, क्योंकि जनता को एनसीपी एससीपी के सिंबल को लेकर कंफ्यूजन हो गया था.
ऐसा ही कुछ डिंडोरी लोकसभा सीट पर भी हुआ, जहां तुरहा सिंबल वाले निर्दलीय उम्मीदवार को एक लाख से ज्यादा वोट मिले थे. हालांकि, शरद गुट के कैंडिडेट ने यहां पहले से ही बढ़त ज्यादा बना ली थी, जिस वजह से एक लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से ही उनकी जीत हुई.
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