Maharashtra Election: महाराष्ट्र के कस्बा पेठ उपचुनाव में महाविकास अघाड़ी (MVA) समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार रवींद्र धंगेकर ने जीत दर्ज की. यह सीट बीजेपी की गढ़ माना जाता है और लगभग 28 साल बाद एमवीए की कांग्रेस ने उसे बेदखल कर दिया. इसे लेकर उद्धव ठाकरे गुटे के शिवसैनिकों में खुशी का माहौल है. जीत के बाद उद्धव गुट के समर्थकों ने जोरदार जश्न मनाया. वे हाथों में पार्टी का झंडा लिए बुलडोजर पर चढ़कर जश्न मनाते दिखे.  


भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपने गढ़ पुणे की इस सीट को बरकरार रखने में विफल रही और उसके उम्मीदवार हेमंत रसाने को हार का सामना करना पड़ा. कस्बा पेठ सीट पर बीजेपी 28 साल से जीत दर्ज करती आई थी. पुणे से मौजूदा बीजेपी सांसद गिरीश बापट ने 2019 तक पांच बार इस सीट का प्रतिनिधित्व किया था. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के समर्थन वाले उम्मीदवार धंगेकर ने बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाने में कामयाबी हासिल की. 



एमवीए प्रत्याशी ने बताया जनता की जीत


कस्बा पेठ में कांग्रेस की जीत महत्वपूर्ण है क्योंकि पिछले साल जून में राज्य सरकार बदलने के बाद सत्तारूढ़ बीजेपी-एकनाथ शिंदे के नेतृत्व और विरोधी एमवीए के बीच यह पहली सीधी टक्कर थी. उपचुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद धंगेकर ने कहा कि यह जनता की जीत है. जिस दिन मैंने नामांकन पत्र भरा, उसी दिन कस्बा पेठ क्षेत्र की जनता ने मुझे जिताने का फैसला कर लिया था. वहीं, बीजेपी उम्मीदवार रसाने ने हार स्वीकार करते हुए कहा कि वह इस बात का मंथन करेंगे कि उनसे कहां और कैसे चूक हुई. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष मोहन जोशी ने पार्टी और एमवीए की इस ऐतिहासिक जीत के लिए कस्बा पेठ के मतदाताओं को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह उन सभी एमवीए कार्यकर्ताओं की जीत है, जिन्होंने इस चुनाव को पूरी एकजुटता के साथ लड़ा. इस चुनाव ने दिखा दिया है कि धन बल कारगर नहीं हो सकता.


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