Maharashtra Politics: सरकार गिरने के बाद पहले इंटरव्यू में छलका उद्धव ठाकरे का दर्द, कहा- बस इस बात का है अफसोस
Uddhav Thackeray ने सरकार गिरने के बाद पहला इंटरव्यू दिया है. उन्होंने कहा कि ‘‘ऐसा लगता है कि मैंने शिवसेना के कुछ कार्यकर्ताओं और नेताओं पर बहुत अधिक विश्वास कर लिया. उन पर भरोसा करना मेरी गलती है."
Uddhav Thackeray On Maharashtra Recent Politics: शिवसेना (Shiv Sena) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे बागियों और बीजेपी (BJP) पर जमकर बरसे हैं. शिवसेना के मुखपत्र सामना को दिए इंटरव्यू में उद्धव ठाकरे ने बागी नेताओं की तुलना सड़े हुए पत्तों से की है. उद्धव ठाकरे ने कहा फूट से शिवसेना कमजोर नहीं होगी, एक बार फिर मजबूत होकर उभरेगी. उद्धव ठाकरे ने कहा, "शिवसेना का किशोरों और युवाओं के साथ नाता, शिवसेना के जन्म से ही है. अलबत्ता, अभी भी बड़ी संख्या में वरिष्ठ शिवसैनिक आकर मिल रहे हैं. जिन्होंने बालासाहेब के साथ काम किया है, जिन्हें हम पहली पीढ़ी का कहेंगे. जिन्होंने शिवसेना का संघर्ष देखा है. खुद संघर्ष किया है. उन्हें शिवसेना मतलब क्या है, यह ठीक से पता है. उन्हें शिवसेना से कुछ हासिल करने की अपेक्षा नहीं थी और आज भी नहीं है. परंतु वे आकर आशीर्वाद दे रहे हैं. यही आशीर्वाद शिवसेना को बल देगा.''
बागियों को इशारों-इशारों में बताया सड़ा पत्ता
अपने इस साक्षात्कार में उद्धव ने बगावत से हुई पीड़ा को व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि, 'सरकार चली गई, मुख्यमंत्री पद गया, इसका अफसोस नहीं है, पर मेरे लोग दगाबाज निकले. मेरे ऑपरेशन के बाद की अस्वस्थ्यता के दौरान सरकार गिराने का प्रयास हो रहा था, इस बात की पीड़ा जरूर है." बागियों पर इशारों-इशारों में निशाना साधते हुए उद्धव ने कहा कि हां, सड़े हुए पत्ते झड़ रहे हैं. जिन्हें वृक्ष से सब कुछ मिला, सभी रस मिले इसीलिए वे तरोताजा थे. वे पत्ते वृक्ष से सारा कुछ लेने के बाद भी झड़कर गिर रहे हैं और यह देखिए वृक्ष कैसे उजड़ा-निर्जीव हो गया है, ये दिखाने का वे प्रयत्न कर रहे हैं. परंतु अगले ही दिन माली आता है और पतझड़ से गिरे पत्तों को टोकरी में भरकर ले जाता है."
यह पूछे जाने पर कि बगावत के लिए किसे दोष दिया जा सकता है, उद्धव ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि मैंने शिवसेना के कुछ कार्यकर्ताओं और नेताओं पर बहुत अधिक विश्वास कर लिया. इतने लंबे समय तक उन पर भरोसा करना मेरी गलती है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने जिस प्रकार सरदार पटेल की विरासत को कांग्रेस से पृथक करने की कोशिश की, उसी तरह वह शिवसेना की स्थापना करने वाले मेरे दिवंगत पिता बालासाहेब ठाकरे और पार्टी का नाता तोड़ने का प्रयास कर रही है.’’
बीजेपी के साथ रिश्ते को लेकर कही ये बात
बीजेपी के साथ सरकार बनाने को लेकर उद्धव ने कहा कि शिवसेना के साथ तय हुआ था, ढाई-ढाई वर्ष का मुख्यमंत्री पद...वही तो आपने अब किया है और यह यदि उस समय किया होता तो कम-से-कम पांच वर्षों में भारतीय जनता पार्टी को एक बार तो ढाई वर्षों का मुख्यमंत्री पद मिला होता...यह जो कुछ अभी स्वांग रच रहे हैं, ढोंग कर रहे हैं कि हमने शिवसेना को मुख्यमंत्री पद दिया, वो करना नहीं पड़ता और अब वे कह रहे हैं कि 'हमारी' शिवसेना यह शिवसेना नहीं है...यह सब तोड़ फोड़ करने के बाद भी उन्हें समाधान नहीं हो रहा क्योंकि उन्हें शिवसेना को खत्म करना है." पूर्व सीएम ठाकरे ने कहा कि भाजपा ने आज जो किया है, वही मुझसे हुई चर्चा के आधार पर उसी समय किया होता तो सब कुछ सम्मानजनक हो गया होता. वहीं उन्होंने कहा कि यदि हमने महाविकास आपाड़ी बनाकर गलती की होगी तो लोग हमें घर पर बिठा देंगे. आखिर जनता मुझे पहचानती ही है. लगातार हमारी छठी पीढ़ी महाराष्ट्र की जनता के लिए काम कर रही है.