Maharashtra News: एकनाथ शिंदे (Ekanth Shinde) के नेतृत्व वाले शिवसेना (Shiv Sena) गुट और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सेना के बीच दशहरा पर शिवाजी पार्क में वार्षिक जनसभा आयोजित करने को लेकर जारी तनातनी ने दोनों खेमों के बीच एक और टकराव की स्थिति पैदा कर दी है. शिवसेना विधायक और पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) ने आरोप लगाया है कि अधिकारी उनकी पार्टी की वार्षिक दशहरा रैली आयोजित करने के लिए एक आवेदन स्वीकार नहीं कर रहे हैं, जो कई दशक पुरानी राजनीतिक घटना है और पार्टी के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के भाषणों से जुड़ी है.


एकनाथ शिंदे की सरकार दमनकारी- आदित्य ठाकरे


वह नागपुर हवाई अड्डे पर ठाकरे और शिंदे दोनों गुटों द्वारा रैली की अनुमति के लिए आवेदन करने की संभावना पर मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि “शिवसेना मुंबई में अपनी वार्षिक दशहरा रैली आयोजित करने की अनुमति मांग रही है, लेकिन अधिकारी हमारे आवेदन को स्वीकार नहीं कर रहे हैं. यह (एकनाथ शिंदे सरकार) एक दमनकारी सरकार है." यह पूछे जाने पर कि क्या शिंदे धड़ा दशहरा रैली को हाईजैक करने की कोशिश कर रहा है, आदित्य ने कहा कि लोगों को पता चल गया है कि विद्रोहियों के मुखौटे के पीछे क्या है और वे इसे पसंद नहीं कर रहे हैं." उन्होंने कहा कि उनकी शिव संवाद यात्रा को राज्य भर में बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है.


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फडणवीस ने मामले पर दी ये प्रतिक्रिया


इस बीच, बीएमसी ने ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट द्वारा प्रस्तुत आवेदन पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया है. इन घटनाक्रमों पर टिप्पणी करते हुए, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, जो गृह मंत्री भी हैं, ने कहा कि “मुझे नहीं पता कि ठाकरे के नेतृत्व वाली सेना ने क्या किया था…लेकिन एक गृह मंत्री के रूप में, मैं कह सकता हूं कि सब कुछ कानून के अनुसार किया जाएगा. कुछ भी कानून के खिलाफ नहीं जाएगा." फडणवीस ने सावधानी बरतते हुए यह टिप्पणी करने से भी परहेज किया कि असली सेना कौन सी है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा असली सेना से जुड़े मामलों को बड़ी पीठ को सौंपने के सवाल के जवाब में फडणवीस ने कहा, “जो कुछ भी कानून के भीतर है वह होगा. कानून के बाहर कुछ नहीं होगा."


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