Maharashtra Latest News: देशभर में इन दिनों प्याज किसान संकट में हैं, क्योंकि दिन-ब-दिन प्याज की कीमत में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. इसके चलते अलग-अलग संगठनों समेत किसानों की नाराजगी बढ़ती जा रही है. इस बीच सोमवार को मंत्री नितेश राणे नासिक जिले के सताना तालुक में संत निवृत्तिनाथ महाराज के पादुका दर्शन के कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रहे थे. इसी दौरान अचानक से एक किसान मंच पर पहुंचा और राणे को प्याज की माला पहना दी.


मंत्री नितेश राणे ने मंच से कहा, "किसान को रोकिए और उनकी समस्या सुनते हैं." इसके बाद जब किसान ने माइक पर बोलने की कोशिश की, तो पुलिसकर्मियों ने उसे बोलने नहीं दिया और उसे हिरासत में ले लिया.


अजित पवार ने लिखा पत्र
इससे पहले गुरुवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने केंद्र सरकार से प्याज पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क हटाने का आग्रह किया था. उन्होंने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर नासिक के प्याज किसानों को लेकर बात की थी. पवार ने कहा कि नई फसल आने से मंडियों में प्याज की भरमार हो गई है. किसानों को अपना उत्पाद औसतन 2,400 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बेचना पड़ रहा है.


प्याज के दाम में गिरावट से किसान परेशान
बता दें देश की सबसे बड़ी थोक प्‍याज मंडी लासलगांव नासिक में प्याज का औसत थोक रेट एक महीने में 50 फीसदी गिर गया है. पिछले महीने तक जहां कीमतें 4000 रुपये प्रति क्विंटल थीं, वहीं रविवार (22 दिसंबर) को यह घटकर 2000 रुपये प्रति क्विंटल हो गई. नई खरीफ फसल की आवक से प्‍याज का भाव गिरा है. व्‍यापारियों का कहना है कि महाराष्‍ट्र, गुजरात और मध्‍य प्रदेश के प्रमुख प्‍याज उत्‍पादक क्षेत्रों में नए प्‍याज की आवक बढ़ने से रेट अभी और गिरने की उम्‍मीद है. 


उपभोक्ता मामलों के विभाग के अनुसार, प्‍याज की खुदरा कीमतें ₹60 प्रति किलोग्राम से घटकर ₹40 प्रति किलोग्राम हो गई हैं. प्‍याज व्यापारियों का कहना है कि खरीफ फसल का प्याज अधिक नमी के कारण लंबे समय तक भंडारित नहीं किया जा सकता. इसलिए किसान इसे खुदाई के साथ ही बाजार में ले आते हैं. इस साल अच्छी और समय पर हुई मानसूनी बारिश ने प्याज समेत अन्य बागवानी फसलों जैसे टमाटर और आलू के उत्पादन को बढ़ावा दिया है. 


आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल खरीफ प्याज का क्षेत्रफल 0.36 मिलियन हेक्टेयर है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 27% अधिक है. खरीफ प्याज का कुल उत्पादन में लगभग 20% हिस्सा होता है. रबी प्याज, जो मार्च में काटा जाता है और उत्पादन में लगभग 60% का योगदान देता है.



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