(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Shiv Sena Symbol Row: शिवसेना के सिंबल की लड़ाई पर चुनाव आयोग ने उठाया बड़ा कदम, दोनों गुटों से से कही ये बात
Maharashtra Politics: चुनाव आयोग ने शिवसेना के सिंबल की लड़ाई पर जल्द फैसला करने का निर्णय किया है. आयोग ने दोनों दलों से 8 अगस्त तक दस्तावेज जमा करने को कहा है.
Fight For Shiv Sena Symbol: चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों को राजनीतिक संगठन के चुनाव चिन्ह पर अपने दावों के समर्थन में आठ अगस्त तक दस्तावेज जमा करने को कहा है. चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि दोनों पक्षों को दस्तावेज जमा करने के लिए कहा गया है, जिसमें पार्टी के विधायी और संगठनात्मक विंग के समर्थन पत्र और प्रतिद्वंद्वी गुटों के लिखित बयान शामिल हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव चिन्ह (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के पैरा 15 के अनुरूप आवश्यकता की गई थी. इस सप्ताह की शुरुआत में, शिवसेना के शिंदे धड़े ने आयोग को पत्र लिखकर लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा में उन्हें दी गई मान्यता का हवाला देते हुए पार्टी के 'धनुष और तीर' का चुनाव चिन्ह आवंटित करने की मांग की थी.
ऐसे खिसका उद्धव का कुनबा
शिवसेना पिछले महीने विभाजित हो गई जब पार्टी के दो-तिहाई से अधिक विधायकों ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया, शिंदे के साथ अपना बहुत कुछ फेंक दिया. शिंदे ने 30 जून को भाजपा के समर्थन से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. पिछले मंगलवार को, लोकसभा में शिवसेना के 18 सदस्यों में से कम से कम 12 ने फ्लोर लीडर विनायक राउत पर 'अविश्वास' व्यक्त किया और राहुल शेवाले को अपना फ्लोर लीडर घोषित किया.
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इसलिए जल्दबाजी में है चुनाव आयोग
लोकसभा अध्यक्ष ने उसी दिन शेवाले को नेता के रूप में मान्यता दी. यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी गुट सूचना से वंचित न रहे, चुनाव आयोग ने पिछले दो दिनों में दोनों समूहों द्वारा जमा किए गए दस्तावेजों के आदान-प्रदान का भी निर्देश दिया है. चुनाव आयोग के एक पूर्व अधिकारी ने बताया, "यह शुरुआती कदम है, जांच बहुत बाद में हो सकती है." प्रतीक पर दावा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग को स्थानीय निकायों के चुनावों को दो सप्ताह के भीतर अधिसूचित करने का निर्देश दिया था.
महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) सहित कई नगर निकायों में चुनाव होने हैं, जो यह संकेत देगा कि शिवसेना के किस गुट को लोकप्रिय समर्थन प्राप्त है. इससे पहले, शिवसेना के उद्धव ठाकरे धड़े ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि पार्टी के नाम और उसके चुनाव चिह्न पर दावों के लिए कोई भी निर्णय लेने से पहले उसके विचार सुनें.