Maharashtra News: महाराष्ट्र में महाविकास अघाडी की सरकार के समय मंत्री रह चुके छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) के ख़िलाफ़ मुंबई पुलिस ने एक सामाजिक कार्यकर्ता को धमकाने का मामला दर्ज किया है. शिकायतकर्ता का नाम ललितकुमार टेकचंदानी है, जो की मुंबई के चेंबूर इलाके में रहते हैं. ललित ने चेंबुर पुलिस स्टेशन में भुजबल और दो अज्ञात फोन नंबर इस्तेमाल करने वालों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करवाया है. ललित ने पुलिस को दिए अपने बयान में दावा किया की 30 सितंबर को उन्होंने छगन भुजबल के मोबाइल पर दो वीडियो भेजे थे जिसमें वो हिंदू धर्म का अपमान करते दिखाई दे रहे थे. इस वीडियो को भेजने के बाद वो अपने घर से बांद्रा किसी निजी काम के लिए जा रहे थे तभी उनके मोबाइल पर एक अज्ञात शख्स का कॉल करीबन शाम 4:17 बजे आया.
अंडरवर्ल्ड के नाम की मिली धमकी
ललित ने सहे बताया कि फोन करने वाले ने गालियां देते हुए कहा की “तू भुजबल साहब को मैसेज भेजता है, घर पर आकर गोलियों से भून दूंगा” इस धमकी को सुनते ही ललित ने फोन काट दिया और उसके तुरंत बाद 4:20 बजे उन्हें उसी नंबर से फिर कॉल आया और कॉलर ने गालियां देते हुए कहा “तेरे पीछे बाहर के आदमी को लगाता हूं, दुबई के आदमी को” घबराकर ललित ने इस बार भी फोन काट दिया. ललित ने दावा किया की इसके बाद भी उन्हें धमकियां मिलना बंद नहीं हुईं और करीबन 4:35 बजे उन्हें दूसरे अज्ञात नंबर से व्हाट्सएप पर मैसेज आया की “कौन है तू जो भुजबल साहब को मैसेज कर रहा है, तेरे नाम बता, कहां रहता है, क्या प्रॉब्लम है तेरा, भुजबल साहब को मैसेज क्यों किया, लास्ट वार्निंग, महंगा पड़ेगा."
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धमकाने वाले ने मांगी लोकेशन
इसके बाद इंग्लिश में एक मैसेज आया कि “First upon stop to send msgs to bhujbal saheb and then we will discuss further, send your location plz." ललित ने इसके बाद सारे मैसेज के स्क्रीन शॉर्ट लिए और फोन नंबर को ब्लॉक किया और फिर चेंबूर पुलिस को शिकायत दर्ज कराई. ललित की शिकायत के आधार पर चेम्बुर पुलिस ने छगन भुजबल और दो अज्ञात फोन नंबर से धमकी देने वालों के ख़िलाफ़ IPC की धारा 506(2), और 34 के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी है.
क्या था बयान ?
छगन भुजबल के एक बयान को लेकर विवाद छिड़ गया है. मुंबई में ओबीसी परिषद के कार्यक्रम में छगन भुजबल ने कहा कि स्कूलों में लगने वाली सरस्वती और शारदा मां की तस्वीर की पूजा नहीं होनी चाहिए. भुजबल ने कहा कि सरस्वती मां ने सिर्फ तीन फीसदी लोगों को शिक्षा दी है. उनकी जगह सावित्रीबाई फुले और डॉक्टर बाबा साहब अंबेडकर की तस्वीर लगाकर उनकी पूजा होनी चाहिए.