First Woman DGP Of Maharashtra: भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की वरिष्ठ अधिकारी रश्मि शुक्ला ने मंगलवार (9 जनवरी) को महाराष्ट्र की पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) का पदभार संभाल लिया। वह राज्य की पहली महिला डीजीपी हैं. रश्मि शुक्ला ने मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक फणसालकर से पदभार ग्रहण करने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और साइबर अपराध पर अंकुश लगाना उनकी प्राथमिकताओं में होगा. उन्होंने मादक पदार्थों की तस्करी को राज्य के लिए एक बड़ा खतरा करार दिया.
डीजीपी शुक्ला ने कहा, ‘‘ मैं कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए सभी सकारात्मक कार्य करना जारी रखूंगी. महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना और साइबर अपराध पर अंकुश लगाना मेरी प्राथमिकता होगी. हर महिला को सड़क पर सुरक्षित महसूस करना चाहिए. किसी के साथ अन्याय नहीं किया जाएगा.’’
दुर्घटनाओं के बारे में लोगों को करेगी जागरुक
उन्होंने कहा कि पुलिस राजमार्ग पर होने वाली दुर्घटनाओं के बारे में लोगों को जागरुक करेगी. मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे के मराठा समुदाय के लोगों से 20 जनवरी को मुंबई में इकट्ठा होने के आह्वान के बारे में पूछे जाने पर शुक्ला ने कहा कि वह इस संबंध में पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक करेंगी.
क्या कहा वरिष्ठ IPS अधिकारी रश्मि शुक्ला ने
महाराष्ट्र की पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला ने कहा कि "महाराष्ट्र में महिलाओं की सुरक्षा बहुत अच्छी है,यहां पर महिलाएं सुरक्षित है, लेकिन उनकी सुरक्षा हमारी प्राथमिकता रहेगी. महाराष्ट्र में हर महिला को अपने को सुरक्षित महसूस करना चाहिए. इसके साथ एक नया चलेंगे आ रहा है साइबर क्राइम, साइबर क्राइम से लोगों को अवेयर करना, और साइबर फ्रॉड से लोगों को बचाने के लिए मेरा पूरा प्रयास रहेगा. एक और बहुत इंपॉर्टेंट चीज है जो मैंने नोटिस करी है वह है कि हाईवे पर होने वाले एक्सीडेंट्स उनको कैसे काम किया जा सके लोगों में कैसे अवेयरनेस बढ़ाई जा सके और कैसे उसको सेव किया जाए इसलिए भी मेरा प्रयास होगा, बाकी हम लोग मिलकर काम करेंगे महाराष्ट्र पुलिस इस ए ग्रेट टीम".
रश्मि शुक्ला हैं1988 बैच की भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी
शुक्ला ने 31 दिसंबर, 2023 को पद से सेवानिवृत्त हुए रजनीश सेठ का स्थान लिया है. वह 1988 बैच की भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी हैं. इससे पहले वह प्रतिनियुक्ति पर सशस्त्र सीमा बल के महानिदेशक के पद पर तैनात थीं. शुक्ला पिछली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के कार्यकाल के दौरान उस समय विवाद में फंस गई थीं, जब उन्हें फोन टैपिंग मामलों में आरोपी के रूप में नामित किया गया था.
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