शिवसेना में चल रहे विवाद को लेकर चुनाव आयोग (Election Commission) ने ठाकरे गुट के लिए पार्टी के नाम 'शिवसेना- उद्धव बालासाहेब ठाकरे' और एकनाथ शिंदे गुट को 'बालासाहेबंची शिवसेना' (बालासाहेब की शिवसेना) आवंटित की. इसके साथ ही चुनाव आयोग ने ठाकरे गुट को मशाल और एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट को तलवार ढाल चुनाव चिन्ह आवंटित किया. पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा शिवसेना के नाम और धनुष-तीर के निशान पर रोक लगाने से उनकी पार्टी के कार्यकर्ता नाराज हैं जो अपने बागियों को सबक सिखाएंगे.


पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने रायगढ़ जिले के उरण में अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उनका संगठन अब मजबूत होकर उभरने के सभी प्रयासों का सामना करेगा. इसके साथ ही ठाकरे ने कहा कि हम बागियों को करारा सबक सिखाएंगे और हमारा खौलता हुए खून यही चाहेगा कि हमारे विरोधियों को सबक सिखाया जाए. ठाकरे ने कहा कि आने वाले समय में शिवसेना की लहर होगी और हमारी पार्टी से एक मुख्यमंत्री होगा. इसके साथ ही उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से आग्रह किया कि वे अपने नए चुनाव चिन्ह 'मशाल' के बारे में हर घर में जागरूकता सुनिश्चित करें. हमें ग्राम पंचायत से लेकर लोकसभा तक के चुनाव की तैयारी करनी है.


बता दें कि मुंबई में अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट पर तीन नवंबर को उपचुनाव होना है. इससे पहले चुनाव आयोग ने शिवसेना के दोनों गुटों को शिवसेना के नाम और उसके चुनाव चिन्ह तीर और धनुष का इस्तेमाल करने से रोक दिया था. पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार इस साल जून में शिंदे के नेतृत्व में पार्टी नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह के बाद गिर गई थी. इसके बाद एकनाश शिंदे ने बीजेपी के समर्थन से महाराष्ट्र में सरकार बनाई और वह मुख्यमंत्री बने.


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