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लोनावला हादसे में सरकार ने किया मुआवजे का एलान, मृतकों के परिजनों को मिलेंगे पांच-पांच लाख रुपये
Bhushi Dam Accident: लोनावला में भुशी डैम हादसे में मृतक के परिजाओं के लिए महाराष्ट्र सरकार ने मुआवजे की घाेषणा की है. परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से पांच-पांच लाख रुपये दिए जाएंगे.
![लोनावला हादसे में सरकार ने किया मुआवजे का एलान, मृतकों के परिजनों को मिलेंगे पांच-पांच लाख रुपये Maharashtra Government announced compensation for the families of Deceased in Bhushi Dam Accident in Lonavala लोनावला हादसे में सरकार ने किया मुआवजे का एलान, मृतकों के परिजनों को मिलेंगे पांच-पांच लाख रुपये](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/04/182f4e1b003be362ed4fd22f6dae63341720065806696359_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Lonavala Waterfall Accident: महाराष्ट्र विधानसभा को बुधवार को बताया गया कि लोनावला में भुशी बांध के निकट दुर्घटनावश डूबने से मारे गए पांच व्यक्तियों के परिजन को मुख्यमंत्री राहत कोष से पांच-पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.
अजित पवार ने की ये घोषणा
उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने यह घोषणा करते हुए कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए खतरनाक पर्यटन स्थलों और प्रतिबंधित क्षेत्रों में चेतावनी पट्टी लगाई जाएगी. पुणे के लोकप्रिय हिल स्टेशन लोनावला में भुशी बांध के निकट झरने में बहने के कारण एक महिला और चार बच्चों की मौत हो गई थी.
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक चेतन तुपे ने विधानसभा में यह मुद्दा उठाया था. पुणे जिले के संरक्षक मंत्री पवार ने आश्वासन दिया कि सभी 36 जिलों में जिला नियोजन समितियों को खतरनाक स्थानों पर बोर्ड लगाने और नायलॉन जाल व बैरिकेड जैसे अतिरिक्त सुरक्षा उपायों पर विचार करने का निर्देश दिया जाएगा.
पवार ने कहा, 'लोनावला की घटना में मरने वालों के परिवारों को मुख्यमंत्री राहत कोष से वित्तीय सहायता के रूप में 5-5 लाख रुपये दिए जाएंगे.'
पुणे प्रशासन ने पर्यटकों के लिए जारी किए दिशानिर्देश
लोनावला में भुशी बांध के पास एक झरने के तेज बहाव में एक महिला और चार बच्चों के बह जाने के कारण मौत के बाद पुणे जिला प्रशासन ने मानसून के मद्देनजर पर्यटकों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं.एक अधिकारी ने बताया कि जिलाधिकारी सुहास दिवासे ने अधिकारियों को संभावित खतरों की पहचान करने के लिए सर्वेक्षण करने और पश्चिमी घाट में स्थित मावल, मुलशी, खेड़, जुन्नार, भोर, वेल्हा और अम्बेगांव आदि इलाकों में आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए.
उन्होंने कहा, 'दिवासे ने जिलाधिकारियों को नदियों, झीलों, बांधों, झरनों, किलों और वन क्षेत्रों वाले पिकनिक स्थलों का दौरा करने और सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिए. उन्होंने चेतावनी पट्टिकाएं लगाकर निषिद्ध क्षेत्रों की सीमा निर्धारित करने का निर्देश दिया. दुर्घटना की आशंका वाले स्थानों और जिन स्थानों पर सुरक्षा उपाय नहीं किए जा सकते हैं उन्हें पर्यटकों के लिए बंद किया जाना चाहिए. 'मानसून के दौरान बड़ी संख्या में लोग भुशी, पावना बांध क्षेत्र, लोनावला, सिंहगढ़, मालशेज और तमहिनी घाट आते हैं.
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