महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, पुणे को जोड़ेगा समृद्धि हाईवे, जानिए कितना आएगा खर्च?
Samruddhi Highway News: पुणे में सफर करना अब और भी आसान होने वाला है. महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने कैबिनेट बैठक में पुणे को समृद्धि हाईवे से जोड़ने का निर्णय लिया है.
![महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, पुणे को जोड़ेगा समृद्धि हाईवे, जानिए कितना आएगा खर्च? Maharashtra Government big decision Samruddhi Highway will connect to Pune know how much it will cost महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, पुणे को जोड़ेगा समृद्धि हाईवे, जानिए कितना आएगा खर्च?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/09/09/1cbaff38a551eced51f694bbe5c3e8401725877214998359_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Maharashtra Cabinet Decision: महाराष्ट्र सरकार ने पुणे (Pune) के निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है. शिंदे सरकार ने कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया है कि समृद्धि महामार्ग (Samruddhi Highway) को पुणे से जोड़ा जाएगा. इस योजना के तहत पुणे और शिरूर के बीच 53 किलोमीटर लंबा छह स्तरीय फ्लाईओवर प्रस्तावित किया गया है जो अहमदनगर और छत्रपति संभाजीनगर के माध्यम से समृद्धि राजमार्ग से जुड़ेगा.
जानिए कितना आएगा खर्च
ABP माझा के अनुसार, यह नया फ्लाईओवर केसनंद गांव से शुरू होकर शिरूर तक जाएगा और इसके निर्माण पर 7515 करोड़ रुपये की लागत आएगी. हालांकि, इस फ्लाईओवर को अहमदनगर (Ahmednagar) होते हुए समृद्धि राजमार्ग तक जोड़ने के लिए अतिरिक्त 2050 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिससे कुल लागत 9565 करोड़ रुपये हो जाएगी. इस हाईवे की कुल लंबाई 250 किलोमीटर होगी.
महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला
कैबिनेट की बैठक में इस परियोजना को मंजूरी दी गई, जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने किया. इस संशोधित मार्ग के तहत पुणे से छत्रपति संभाजीनगर तक का राष्ट्रीय राजमार्ग, जिसे पहले 'एनएचएआई' द्वारा बनाया जाना था अब 'एमएसआईडीसी' के तहत निर्मित किया जाएगा. अप्रैल में हुए समझौते के अनुसार यह प्रोजेक्ट 'एमएसआईडीसी' को सौंपा गया था और अब इस पर कार्य तेजी से शुरू किया जाएगा.
यह परियोजना न केवल पुणे और छत्रपति संभाजीनगर के बीच संपर्क को बेहतर बनाएगी, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी नई ऊंचाइयां देगी.
पीडब्ल्यूडी के एक अधिकारी ने कहा, “मार्च 2024 में हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) के अनुसार, पीडब्ल्यूडी और महाराष्ट्र सरकार दो साल के भीतर परियोजना को शुरू करने के लिए सभी आवश्यक उपाय शुरू करेंगे. ऐसा न करने पर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) सार्वजनिक हित में पूरी परियोजना को अपने हाथ में लेने पर विचार कर सकता है.”
ये भी पढ़ें: GST काउंसिल की बैठक से महाराष्ट्र के वित्त मंत्री अजित पवार नदारद, शरद पवार गुट ने उठाए ये सवाल
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)