Maharashtra News: किसी भी इंसान के लिए एक पहचान पत्र होना आज के वक्त में सबसे जरूरी काम है. आपका आधार कार्ड, आपका पैन कार्ड या फिर आपका राशन कार्ड आपको तमाम तरह कि सरकारी योजनाओं के लिए काम आ सकता है अगर आपके पास यह नहीं है तो आप इन योजनाओं का लाभ नहीं उठा सकते. वहीं देश में एक ऐसा तबका था जिसके पास ऐसा कोई भी पहचान पत्र नहीं था, लेकिन महाराष्ट्र सरकार की पहल से प्रदेश के तमाम रेड लाइट एरिया में रहने वाले सेक्स वर्कर्स्स के राशन कार्ड बनाए जा रहे हैं ताकि वे अपना भविष्य सुधार सकें और तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकें.


कोरोना काल में हुई काफी परेशानी
पूरे करोना कॉल में देखने को मिला था कि था की लॉकडाउन के दौरान सब कुछ बंद होने की वजह से सेक्स वर्कर्स भी ज्यादा प्रभावित हुए थे. उन्हें उनकी आमदनी के सभी साधन बंद हो चुके थे, जिसकी वजह से उनका परिवार चलाना मुश्किल हो गया था, ऐसे में तमाम सरकारों ने उनकी मदद के लिए कदम बढ़ाया लेकिन सरकारी योजनाओं का फायदा पाने और सरकार की तरफ से मदद देने के दौरान पहचान पत्र ना होनी की वजह से उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ा. वहीं महाराष्ट्र सरकार इन सेक्स वर्कर्स्स की मदद को आगे आई और कई एनजीओ की सहायता लेकर उनके राशन कार्ड बनवाए. ये एनजीओ कई सालों से इनके लिए और इनके बीच काम कर रही हैं. साथ ही इनकी समस्याओं का निदान करती हैं.  


मुंबई में सेक्स वर्कर्स के लिए काम करने वाली संस्था AAWC की सीईओ मंजू व्यास बताती हैं कि उनकी संस्था मुंबई के कमाठीपुरा समेत कई रेड लाइट एरिया में करीब 20 सालों से काम कर रही हैं और इन सेक्स वर्कर्स की तमाम परेशानियों को देखा है. इनके सामने सबसे बड़ी समस्या थी इनका पहचान पत्र. मुंबई में रहने वाले किसी भी शख्स का अगर राशन कार्ड ना हो तो उसे तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में दिक्कत होती है. जिसका सबसे सबसे ज्यादा महत्व देखने को मिला इस कोरोना काल मे. सेक्स वर्कर्स्स का कोई पहचान पत्र ना होने की वजह से सरकारी मदद भी मिलने में मुश्किल आ रही थी. इस दौरान सेक्स वर्कर्स के लिए महाराष्ट्र सरकार की तरफ से राशन कार्ड बनाने की योजना बेहद लाभकारी साबित हुई.


'बिना राशन कार्ड के होती हैं कई दिक्कत'
AAWC संस्था की तरफ से फील्ड डायरेक्टर का काम करने वाली पूनम अवस्थी बताती हैं कि वह इन सेक्स वर्कर्स की समस्याओं को करीब 20 सालों से बेहद नजदीक से देख रही हैं और करीब पूरा दिन उनका इनकी समस्याओं का निदान करने में ही लग जाता है. जब इनके पास कोई पहचान पत्र नहीं था तो राशन की दुकानों से राशन लेना मिट्टी का तेल लेना और अन्य सामग्री लेना इन के लिए बेहद महंगा पड़ता था. यह किसी भी तरह की सरकारी योजनाओं का लाभ उठा नहीं पाती थी जबकि इन्हें जरूरत थी लेकिन आज जब सरकार इनके लिए राशन कार्ड बना रही है. वह भी उन तमाम आवश्यक कागजातों को दरकिनार करके. जिसके बगैर मुंबई में राशन कार्ड बनवाना बेहद मुश्किल है.


पूनम अवस्थी के मुताबिक इन सेक्स वर्कर्स को ऐसे राशन कार्ड बनाए जा रहे हैं जिसमें इनकी पहचान को छुपाया गया है और यह आम आदमी की तरह राशन कार्ड की दुकानों से सरकारी योजनाओं का लाभ और राशन ले सकते हैं और अगर एक जगह से दूसरी जगह पर यह कहीं शिफ्ट करते हैं तो वह भी उस राशन कार्ड से इन्हें सामान मिलता रहेगा. सबसे बड़ी बात है कि उनके बच्चों का भविष्य इसकी वजह से बेहद बेहतर होगा. उन्हें स्कूलों में दाखिला हो सकता है और उनकी एक नई पहचान बन सकती है.


'राशन कार्ड बनने से हुए कई लाभ'
मुंबई के कमाठीपुरा में सेक्स वर्कर के तौर पर काम करने वाली ज्योति (बदला हुआ नाम) बताती हैं कि जब उनके पास पहचान पत्र नहीं था उनके पास राशन कार्ड नहीं था तो किस तरह से उनके सामने तमाम तरह की दिक्कतें खड़ी होती थी. उन्हें अपने बच्चों का सरकारी अस्पताल में इलाज कराने या फिर स्कूलों में दाखिला करवाने के लिए दिक्कतें आती थी राशन की दुकान से सस्ते में राशन पाना भी उनके लिए मुश्किल होता था. लेकिन सरकार की तरफ से राशन कार्ड बनाने की योजना उन जैसे तमाम सेक्स वर्कर्स के लिए वरदान साबित होगी.


पूनम बताती हैं कि सरकार और उनके एनजीओ की मदद से सिर्फ कमाठीपुरा रेडलाइट एरिया में करीब 450 सेक्स वर्कर्स के राशन कार्ड बनाए जा चुके हैं, जिनका उन्हें लाभ बैंक अकाउंट खुलवाने बच्चों का एडमिशन करवाने या फिर अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में मिलेगा और उनके अंदर एक नया साहस इसकी वजह से पैदा हो रहा है.


शुरू हुई प्रक्रिया
फिलहाल मुंबई के कमाठीपुरा जैसे रेड लाइट एरिया से इन सेक्स वर्कर्स के लिए एक पहचान पत्र के तौर पर और सरकारी सुविधाओं का लाभ पाने के लिए राशन कार्ड बनने की शुरुआत हो चुकी है. और महाराष्ट्र सरकार ने पूरे महाराष्ट्र में उन तमाम सेक्स वर्कर्स के लिए यह कार्यक्रम लागू कर रही है. उनका राशन कार्ड बनाने का काम शुरू कर रही है ताकि भविष्य में उन्हें तमाम तरह के सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके. साथ ही उनका और उनके बच्चों को एक भारत के नागरिक का पहचान पत्र मिल सके.


कुछ दिनों पहले ही महाराष्ट्र के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने सेक्स वर्कर्स के बच्चों के पुनर्वसन के लिए स्थापित की गई सलाहकार समिति के सुझाव पर इन्हें राशनकार्ड देने की प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए गए है. इस सबंध में शासनादेश भी जारी कर दिया गया है.


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