लाडकी बहिन योजना की लाभार्थियों की होगी जांच? पूर्व मंत्री अदित तटकरे ने साफ की तस्वीर
Maharashtra News: महायुति सत्ता में आने के बाद क्या लाडकी बहन योजना की लाभार्थियों की दोबारा जांच करेगी या फिर पुरानी लिस्ट से ही लाभ दिए जाएंगे, इस पर एनसीपी का बयान आया है.
Maharashtra News: पूर्व मंत्री अदिति तटकरे ने उन खबरों का खंडन किया है जिसमें कहा गया था कि महायुति सरकार ‘मुख्यमंत्री मांझी लाडकी बहिन योजना’ के तहत लाभार्थी महिलाओं के आवेदनों की दोबारा जांच कराएगी. पिछले महीने हुए विधानसभा चुनावों में महायुति गठबंधन की जीत में महिलाओं की इस योजना का अहम रोल रहा है.
महिला एवं बाल कल्याण विभाग का कार्यभार संभाल चुकीं अदित तटकरे की देखरेख में ही इस योजना का क्रियान्वयन हुआ था. अदिति की आवेदनों की जांच के संबंध में यह टिप्पणी नव-नियुक्त मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा सरकार की अपात्र लाभार्थियों की पहचान करने की मंशा के खुलासे के कुछ दिनों बाद आई है.
अदिति ने एक क्षेत्रीय समाचार चैनल से बातचीत में कहा, ''इस योजना के तहत लाभार्थियों के आवेदनों की दोबारा जांच करने का कोई सवाल ही नहीं है. वर्तमान में करीब 2.34 करोड़ महिलाओं को इसका लाभ मिल रहा है और आवेदन स्वीकृत करने से पहले उनकी गहन जांच की गई थी. इस संबंध में लेकर आई खबर गलत है.''
लाडकी बहनों को 2100 देना का किया था वादा
लाडकी बहिन योजना के तहत लाभार्थी महिलाओं को 1,500 रुपये प्रति माह मिलते हैं, जिसे चुनाव प्रचार के दौरान ‘महायुति’ के नेताओं ने बढ़ाकर 2,100 रुपये करने का वादा किया था. अदिति तटकरे ने स्वीकार किया कि योजना के तहत कुछ अपात्र महिलाओं को लाभ मिलने की शिकायतें मिली हैं.
फडणवीस ने जांच पर दिया था जोर
एनसीपी विधायक ने कहा, ''शिकायतों पर गौर करना और निर्णय लेना महिला एवं बाल विकास विभाग का विशेषाधिकार है. विभाग प्राप्त होने वाली किसी भी शिकायत का निपटारा करेगा, लेकिन मैं यह स्पष्ट करना चाहती हूं कि आवेदनों की फिर से समीक्षा या जांच करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है.'' दरअसल, फडणवीस ने कहा था कि योजना के तहत कुछ लाभार्थियों द्वारा मानदंडों का पालन नहीं करने की शिकायतों के मद्देनजर आवेदनों की जांच आवश्यक है. उन्होंने कहा कि से पूरी तरह से खत्म नहीं किया जाएगा. इसकी जांच पीएम किसान योजना की तर्ज पर की जाएगी.
य़े भी पढ़ें- देवेंद्र फडणवीस सरकार ने महाराष्ट्र विधानसभा में हासिल किया विश्वास मत, कैसे हुई वोटिंग?