(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Maharashtra: महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश से आठ जिले प्रभावित, सरकार ने दिया किसानों को मदद का भरोसा
Maharashtra Farmers News: बेमौसम बारिश से फसल को हुए नुकसान के बाद विपक्ष प्याज की दरों को लेकर भी आक्रामक हो गया है. साथ ही महाराष्ट्र सरकार से प्याज किसानों को आर्थिक मदद करने की मांग की है.
Maharashtra News: महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Assembly) के बजट सत्र में बेमौसम बारिश से कृषि को हुए नुकसान और किसानों के नुकसान का मुद्दा चर्चा का विषय बना रहा. विपक्ष ने असामयिकता के मुद्दे पर सत्ताधारियों को घेरा. राज्य के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने सदन को बेमौसम बारिश से राज्य में हुए नुकसान की जानकारी दी. साथ ही उन्होंने किसानों को समय पर मदद का आश्वासन दिया. उपमुख्यमंत्री की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार प्रदेश के 8 जिले बेमौसम बारिश से प्रभावित हुए हैं. जिससे करीब 13,729 हेक्टेयर फसल कृषि में चौपट हो गई है. यह संख्या और बढ़ने की उम्मीद है.
उपमुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि बेमौसम बारिश से गेहूं, ज्वार, चना, मक्का, अंगूर, आम, पपीता, संतरे की फसल को भारी नुकसान हुआ है. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इन सभी क्षेत्रों का निरीक्षण कर प्रभावित किसानों को तत्काल मदद उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक जानकारी मांगी है.
जिलेवार बेमौसम बारिश से हुए नुकसान की जानकारी
पालघर
760 हेक्टेयर भूमि पर आम और काजू का नुकसान.
नासिक
2,685 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं, सब्जियां, आम की फसल प्रभावित हुई.
धूले
3,144 हेक्टेयर में फसल प्रभावित हुई। मुख्य रूप से मक्का, गेहूं, चना, ज्वार, केले की फसल को नुकसान हुआ है.
नंदुरबार
1,576 हेक्टेयर में फसलों को नुकसान। मक्का, गेहूं, चना, ज्वार, केला, पपीता, आम की फसलें प्रभावित हैं.
जलगांव
214 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल प्रभावित हुई थी.
अहमदनगर
4,100 हेक्टेयर से अधिक कृषि क्षति, फसलें प्रभावित.
बुलढाना
संकरण के कारण 775 हेक्टेयर फसल, व्यापक क्षति.
वाशिम
475 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल नुकसानय
इस बीच बेमौसम बारिश से फसल को हुए नुकसान के मुद्दे के साथ ही विपक्ष प्याज की दरों को लेकर भी आक्रामक हो गया है. राकांपा विधायक छगन भुजपाल ने हॉल के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार को प्याज किसानों को आर्थिक सहायता देनी चाहिए. गुजरात सरकार भी उनकी मदद कर रही है. अगर महाराष्ट्र की आर्थिक स्थिति अच्छी होने का दावा किया जाता है तो किसानों को आर्थिक सहायता क्यों नहीं दी जाती है? ऐसा ही सवाल छगन भुजबल ने मुंबई में भी उठाया है.
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