Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए महाराष्ट्र सरकार ने गाय को 'राज्यमाता' का दर्जा दिया है. जहां महायुति के नेता इसे बड़ा फैसला बता रहे हैं वहीं महाविकास अघाड़ी के नेता इसको लेकर शिंदे सरकार को घेर रही है. शिवसेना यूबीटी के बाद अब कांग्रेस ने भी इसे चुनावी स्टंट बताया है.


कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, राजनीति बीजेपी के लिए व्यापार है, इसलिए चुनाव के समय गाय को नमन करो और चुनाव के बाद गाय के गले में फंदा! विधानसभा चुनाव के समय अब ​​महागठबंधन सरकार को गाय की याद आई है."


'चारा-पानी के बिना तड़पते छोड़ा'
उन्होंने आगे कहा, "जब सूखा पड़ा तो गाय को चारा-पानी के बिना तड़पते हुए याद नहीं किया गया. गाय के मीट एक्सपोर्टर से चंदा लेते समय गाय का रुपया याद नहीं आया. जब किसान संकट में था, दूध का दाम नहीं मिल रहा था, तब गाय याद नहीं आई. चुनाव के समय गाय को 'राज्य की माता' के रूप में याद किया जाता है. चुनाव के समय कितने चुटकुले बनाए जाएंगे."


शिवसेना यूबीटी ने साधा निशाना
इससे पहले शिवसेना यूबीटी के नेता आनंद दुबे ने चुनाव से पहले गाय को राज्यमाता का दर्जा देने पर महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, "हमें उनसे सीखने की जरूरत नहीं है. हम गायमाता को भगवान की तरह पूजते हैं. हमारे नेता बालासाहेब ठाकरे गाय की पूजा करते थे. बीजेपी के लोग गायमाता के नाम पर ढोंग करते हैं. महाराष्ट्र की जनता इनके झूठे ढोंग में नहीं फंसने वाली है और इनको सबक सिखाएगी."


बता दें कि सोमवार को कैबिनेट बैठक में एकनाथ शिंदे सरकार ने गाय को 'राज्यमाता' का दर्जा देने का फैसला लिया. सरकार द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, "प्राचीन काल से ही गाय ने इंसान के दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वैदिक काल से ही गायों के धार्मिक, वैज्ञानिक और आर्थिक महत्व को देखते हुए उन्हें "कामधेनु" के रूप में संबोधित किया जाता था.


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