Mumbai News: महाराष्ट्र (Maharashtra) की नई शिंदे सरकार जनहित में लगातार एक के बाद एक बड़े फैसले ले रही है.अब सरकार ने  राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए जल्द ही महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग (MPSC) की तर्ज पर महाराष्ट्र चिकित्सा सेवा आयोग (Maharashtra Medical Service Commission) की स्थापना करने का फैसला लिया है. राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री  गिरीश महाजन (Girish Mahajan) ने सोमवार को  यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि विभाग इस मुद्दे पर गंभीरता से चर्चा कर रहा है और प्राथमिकता के आधार पर महाराष्ट्र चिकित्सा सेवा आयोग के गठन के बारे में निर्णय लेगा. इससे मेडिकल कॉलेजों (Medical Colleges) में रिक्त पदों पर नियुक्तियों में आसानी होगी.


सरकारी कॉलेजों में अभी कितने पद खाली


सोमवार को महाजन विधान परिषद में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में रिक्त पदों को लेकर एक सवाल का जवाब दे रहे थे. उसी दौरान उन्होंने यह घोषणा की. मंत्री ने कहा कि राज्य में 22 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें प्रोफेसरों के 490 में से 166 पद खाली हैं. एसोसिएट प्रोफेसर के लिए 1,126 पदों में से 206 रिक्त हैं, और सहायक प्रोफेसरों के लिए 1,765 पदों में से 824 रिक्त हैं. उन्होंने बताया कि एमपीएससी ने 22 प्रोफेसरों, 56 एसोसिएट प्रोफेसरों और 72 सहायक प्रोफेसरों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है और 44 पदों के लिए अनुशंसित उम्मीदवारों और मौजूदा अधिकारियों की पदोन्नति के बाद नौ रिक्त पदों को भरा गया है.


विपक्ष ने मांगी पदों को भरने की समयसीमा


वहीं नागपुर शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के एमएलसी नागोराव गणर ने इस देरी पर सवाल उठाते हुए रिक्तियों को भरने की समयसीमा बताने को कहा. इस पर महाजन ने कहा कि  एमपीएससी ने इन पदों को जल्द से जल्द भरने का आश्वासन दिया है, लेकिन एमपीएससी की ओर से इन रिक्तियों को भरने की समयसीमा  एक या दो साल है. इसी प्रक्रिया को कारगर बनाने के लिए महाराष्ट्र चिकित्सा सेवा आयोग के गठन का निर्णय लिया गया है.


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