Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार रात के स्कूलों (नाइट स्कूलों) को लेकर अगले दो महीनों के भीतर एक नीति लाने वाली है. इसमें नाइट स्कूलों पुनर्जीवित करने, शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने और उनके पाठ्यक्रम की समीक्षा और अपग्रेड करने की नीति लेकर आएगी. सरकार इसे अपने अगले सत्र में विधायिका के सामने पेश करेगी, शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने गुरुवार को राज्य विधान परिषद में कहा. केसरकर राज्य भर में स्कूल शिक्षकों के पद के लिए रिक्त पदों को भरने के बारे में एक सवाल का जवाब दे रहे थे.


नई नीति के अनुसार, शिक्षण घंटे प्रतिदिन 3.5 घंटे से घटाकर 2.5 घंटे प्रतिदिन कर दिए जाएंगे. केसरकर के अनुसार, अपने पहले के फैसले को उलटते हुए, पार्ट टाइम शिक्षकों को अब रात के स्कूलों में कक्षाएं पढ़ाने की अनुमति होगी.


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बदलाव को लेकर शिक्षा मंत्री ने कही ये बात


केसरकर ने कहा कि “सरकार छात्रों को दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना चाहती है. यह सिर्फ शिक्षकों या पाठ्यक्रम के बारे में नहीं है. हमें इस बात पर भी विचार करना था कि छात्रों को 2.5 घंटे के भीतर पाठ्यक्रम का सामना करने में सक्षम होना चाहिए और स्कूलों और इसके व्याख्यानों को लाभ भी पाते रहना चाहिए.” उन्होंने कहा कि सरकार के सामने सबसे कठिन काम उन व्याख्यानों को 2.5 घंटे के सत्र में समेटना था जो पहले पांच घंटे के लिए निर्धारित किए गए थे. " आगे केसरकर ने कहा कि दसवीं और बारहवीं कक्षा के लिए परीक्षा प्रत्येक छात्र के लिए समान है, चाहे वे रात के स्कूल या दिन के स्कूल में जाते हों. केसरकर ने कहा, हम अब पाठ्यक्रम की समीक्षा करने के लिए एक नीति तैयार कर रहे हैं ताकि इसे छात्र हितैषी बनाया जा सके.


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