Mumbai News: केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को बड़ी राहत, BMC ने बॉम्बे हाई कोर्ट में कही ये बात
Maharashtra News: केंद्रीय मंत्री नारायण राण के लिए राहत की खबर सामने आई है. मंगलवार को बीएमसी ने बॉम्बे हाई कोर्ट में बताया कि उन्होंने राणे की बिल्डिंग कुछ हिस्से को गिराने वाले आदेश को वापस ले लिया है.
Maharashtra News: केंद्रीय मंत्री नारायण राण के लिए राहत की खबर सामने आई है. मंगलवार को बीएमसी ने बॉम्बे हाई कोर्ट में बताया कि उन्होंने राणे की बिल्डिंग कुछ हिस्से को गिराने वाले आदेश को वापस ले लिया है. केंद्रीय मंत्री की ओर से कोर्ट में अर्जी लगाकार जुहू में स्थित राणे के बंगले में कथित अनधिकृत बदलावों को मंजूरी देने का अनुरोध किया गया था.
महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट को सूचित किया कि उसने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के जुहू आवास के कुछ हिस्सों को ध्वस्त करने के लिए तटीय क्षेत्र प्रबंधन समिति के उप-विभागीय अधिकारी द्वारा जारी एक आदेश वापस ले लिया है. राज्य सरकार की ओर से मंगलवार को पेश हुए महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने पीठ से कहा कि ‘‘भविष्य में आवश्यक कार्रवाई करने के अपने अधिकार को सुरक्षित रखते हुए, महाराष्ट्र सरकार ने राणे के जुहू स्थित बंगले के हिस्सों को ध्वस्त करने संबंधी 21 मार्च के संचार, या आदेश को वापस लेने का फैसला किया.’’
Maharashtra government informs the Bombay High Court that it has withdrawn an order issued by sub-divisional officer of coastal zone management committee to demolish parts of the Juhu residence of Union minister Narayan Rane. pic.twitter.com/tdhQcc6AYJ
— ANI (@ANI) March 29, 2022
राणे की ओर से दायर की गई थी अपील
नारायण राणे की ओर से दायर याचिका में कंपनी, राणे तथा उनके परिवार को जुहू के बंगले में कथित अवैध बदलाव कराने को लेकर मुंबई नगर निकाय द्वारा जारी नोटिस को चुनौती दी गयी थी. राणे ने इस याचिका में नगर निकाय के अधिकारी के आदेशों और बीएमसी द्वारा 25 फरवरी, चार मार्च और 16 मार्च 2022 को जारी नोटिस रद्द करने का अनुरोध करते हुए निगम की इस कार्यवाही को ‘‘गैरकानूनी तथा उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन’’ बताया था.
BMC ने जारी किया था ये नोटिस
बीएमसी ने अपने नोटिस में कहा था कि मालिक एक बैठक में उपस्थित रहने में विफल रहा और उसके प्रतिनिधि के पास पर्याप्त दस्तावेजी सबूत नहीं थे. 4 मार्च के पहले नोटिस में, बीएमसी ने उल्लेख किया था कि 8 मंजिला अधिश बंगले की 7 वीं मंजिल को छोड़कर सभी मंजिलों पर अनधिकृत परिवर्तन थे.
अनधिकृत निर्माण के लिए नोटिस 11 मार्च को के वेस्ट वार्ड के नामित अधिकारी द्वारा मालिक के साथ-साथ मैसर्स आर्टलाइन प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक को भेजा गया था. बता दें कि नारायण राणे और नीलेश नारायण राणे मेसर्स आर्टलाइन संपत्तियों के निदेशक हैं. नोटिस में उल्लेख किया गया है कि बीएमसी को 3 मार्च को अधिश बंगले के मालिक/कब्जे वाले से छह पन्नों का जवाब मिला, लेकिन उसके साथ कोई अन्य दस्तावेज नहीं था. साथ इस अनिधिकृत हिस्से को गिराने के लिए 15 दिन का समय भी दिया गया था.
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