Maharashtra Politics News: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा भगत सिंह कोश्यारी का इस्तीफा स्वीकार किए जाने के बाद महाराष्ट्र के नए राज्यपाल के रूप में रमेश बैस की नियुक्ति पर शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट उत्साहित है. जनवरी में, भगत सिंह कोश्यारी ने कहा था कि वह महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद से इस्तीफा देना चाहते हैं और पढ़ने और लिखने के लिए समय देना चाहते हैं. कोश्यारी की इस्तीफे की इच्छा छत्रपति शिवाजी महाराज पर उनकी टिप्पणी पर भारी विवाद के बाद आई थी.


आदित्य ठाकरे ने इसे बताया बड़ी जीत
महाराष्ट्र के नए राज्यपाल की नियुक्ति की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए आदित्य ठाकरे ने ट्वीट किया, उन्होंने लिखा, "महाराष्ट्र के लिए बड़ी जीत! महाराष्ट्र विरोधी राज्यपाल का इस्तीफा आखिरकार स्वीकार कर लिया गया है!"






आदित्य ठाकरे ने अपने ट्वीट में कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज, महात्मा ज्योतिबा पुले और सावित्री बाई फुले, हमारे संविधान, विधानसभा और लोकतांत्रिक आदर्शों का लगातार अपमान करने वाले कोश्यारी को राज्यपाल के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है.


शिवसेना के उद्धव गुट के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि राज्यपाल बदलना "महाराष्ट्र पर एहसान नहीं है, कई राज्यपाल बदले गए हैं". राउत ने कहा, "एक साल हो गया है जब महाराष्ट्र के लोग शिवाजी महाराज और सावित्रीबाई फुले पर उनकी (कोश्यारी) टिप्पणी के कारण राज्यपाल को बदलने की मांग कर रहे थे." राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता क्लाइड क्रास्टो ने भी आभार व्यक्त किया और एक ट्वीट में कहा, "भगतसिंह कोश्यारी के महाराष्ट्र के गवर्नर के इस्तीफे को स्वीकार करने के लिए भारत के माननीय राष्ट्रपति का बहुत-बहुत धन्यवाद."






शिवसेना के किशोर तिवारी ने कहा कि भगत सिंह कोश्यारी ने अपने कार्यालय का दुरुपयोग किया, यह कहते हुए कि गवर्नर हाउस को "बीजेपी कार्यालय" के रूप में इस्तेमाल किया गया था. उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक सरकार सत्ता में लाई गई थी.


जनवरी में राजभवन द्वारा जारी बयान में, राज्यपाल कोश्यारी ने कहा था, “संतों, समाज सुधारकों और वीर सेनानियों की भूमि महाराष्ट्र जैसे महान राज्य के राज्य सेवक या राज्यपाल के रूप में सेवा करना मेरे लिए पूर्ण सम्मान और सौभाग्य की बात थी. "


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