Maharashtra: 'हर किसी की नींद का तरीका बदला, बच्चों के स्कूलों की टाइमिंग में बदलवा हो', राज्यपाल का सुझाव
Governor Ramesh Bais News: राज्यपाल ने इस बात पर भी खेद व्यक्त किया कि राज्य में सैकड़ों सार्वजनिक पुस्तकालय हैं, लेकिन अधिकांश पुराने हैं, इसलिए उन सभी को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है.
Maharashtra News: छात्रों की पर्याप्त नींद को लेकर महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने एक साहसिक कदम उठाते हुए शिक्षा अधिकारियों से स्कूलों का समय बदलने पर विचार करने का आह्वान किया है. राज्यपाल ने कहा कि हाल के दिनों में हर किसी की नींद का तरीका बदल गया है, खासकर बच्चे, जो आधी रात के बाद ही सोते हैं, लेकिन उन्हें स्कूल जाने के लिए जल्दी उठना पड़ता है, जिससे उनकी नींद का न्यूनतम कोटा खत्म हो जाता है.
इस पृष्ठभूमि में उन्होंने स्कूलों और शिक्षा अधिकारियों से इस पहलू पर ध्यान देने के अलावा 'पुस्तक-रहित' स्कूलों, 'ई-कक्षाओं' को बढ़ावा देने और छात्र समुदाय पर शिक्षा के बोझ को कम करने के लिए उनकी गुणवत्ता के अनुसार स्कूलों की रैंकिंग करने का आह्वान किया. राज्यपाल राजभवन में स्कूल शिक्षा विभाग की विभिन्न पहलों के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, मंत्री दीपक केसरकर, मंगल प्रभात लोढ़ा और गिरीश महाजन के अलावा प्रमुख सचिव शिक्षा रणजीत सिंह देयोल और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में बोल रहे थे.
राज्यपाल ने व्यक्त किया खेद
मुंबई नगर निगम द्वारा संचालित नए स्कूल भवनों का उद्घाटन करते हुए राज्यपाल और सीएम ने संयुक्त रूप से 'माई स्कूल, ब्यूटीफुल स्कूल', 'स्टोरी-टेलिंग सैटरडे', 'एंजॉयबल रीडिंग', 'एडॉप्ट स्कूल एक्टिविटी', 'माई स्कूल, माई बैकयार्ड' और 'क्लीननेस मॉनिटर' जैसी पहल की शुरुआत की. राज्यपाल ने इस बात पर भी खेद व्यक्त किया कि राज्य में सैकड़ों सार्वजनिक पुस्तकालय हैं, लेकिन अधिकांश पुराने हैं, इसलिए उन सभी को पुनर्जीवित करने और परिसर में कंप्यूटर और इंटरनेट प्रदान करके 'लाइब्रेरी एडॉप्शन' शुरू करने की आवश्यकता है.
शिक्षा को और अधिक मनोरंजक बनाने का आह्वान किया
बैस ने आग्रह किया, ''यह आवश्यक था क्योंकि छात्र न केवल किताबों के माध्यम से बल्कि इंटरनेट, सोशल मीडिया और अन्य स्रोतों के माध्यम से भी अपना ज्ञान प्राप्त करते हैं जो उनके आईक्यू स्तर को बेहतर बनाने में मदद करते हैं, और इसलिए शिक्षकों को भी शैक्षणिक मामलों में अद्यतन रहना चाहिए. ''उन्होंने छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए "कम शैक्षणिक होमवर्क'' और "खेल और रचनात्मक गतिविधियों पर जोर" के साथ शिक्षा को और अधिक मनोरंजक बनाने का आह्वान किया.
स्वास्थ्य और शिक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए
इस अवसर पर बोलते हुए सीएम ने कहा कि अगर गांवों में मंदिर, मस्जिद या चर्च नहीं हैं, तो कोई बात नहीं, लेकिन हमें दूरदराज के इलाकों में लोगों के लिए आदर्श स्कूलों की जरूरत है साथ ही स्वास्थ्य और शिक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. उन्होंने राज्य के हर कोने में आदर्श स्कूल स्थापित करने का आह्वान किया और कहा कि अरबपति उद्योगपति मुकेश अंबानी भी महाराष्ट्र में स्कूलों के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए निवेश करने को तैयार हैं.
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