पुणे में बारिश से 'जलप्रलय', डिप्टी सीएम अजित पवार ने की समीक्षा बैठक, लिया ये फैसला
Pune Flood: महाराष्ट्र के डिप्टी CM अजित पवार मंत्रालय की सभी बैठकें रद्द कर पुणे रवाना हुए हैं. यहां भारी बारिश के बाद बाढ़ की स्थिति को देखते हुए वो खुद राहत और बचाव कार्य का जायजा लेंगे.
Heavy Rains In Maharashtra: महाराष्ट्र के कई हिस्सों में लगातार बारिश हो रही है. पुणे समेत कई जगहों पर बाढ़ की स्थिति बन गई है. खडकवासला डैम का वाटरलेवल काफी ऊपर आ गया. इस बीच महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने मंत्रालय के नियंत्रण कक्ष से पुणे सहित राज्य के अलग-अलग हिस्सों में बारिश और बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की.
अजित पवार मंत्रालय की सभी बैठकें रद्द कर तुरंत पुणे के लिए रवाना हुए. पुणे शहर और जिले में अत्यधिक बारिश और बाढ़ की स्थिति को देखते हुए वे खुद जिले में उपस्थित रहकर बचाव और राहत कार्य का नेतृत्व करेंगे.
डिप्टी सीएम पवार ने जानकारी दी है कि खडकवासला बांध की क्षमता लगभग 3.75 टीएमसी है. पिछले दो-तीन दिनों में पुणे जिले में हुई बारिश के कारण बांध पहले से ही 50% भर गया था. बुधवार (24 जुलाई) को दिनभर और रात को बांध के ऊपरी क्षेत्र में 8 इंच और जलग्रहण क्षेत्र में 5 इंच बारिश हुई.
सामान्यतः बांध 75% भरने पर इससे पानी छोड़ा जाता है लेकिन, ऊपरी क्षेत्र से बांध में 3 टीएमसी से अधिक पानी आ गया है. इसलिए, पानी छोड़ने का अवसर नहीं मिला. सोते हुए नागरिकों को परेशानी न हो और उनकी सुविधा और सुरक्षा के लिए डैम का पानी रात के बजाय सुबह छोड़ा गया.
पुणे, पिंपरी-चिंचवड शहर क्षेत्र सहित भारी बारिश वाले भोर, वेल्हा, मुलशी क्षेत्रों के स्कूलों में छुट्टी दे दी गई है. पुणे जिले के वरसगांव, टेमघर, खडकवासला, पानशेत इन बांधों में पहले पानी कम था, इसलिए शहर को कुछ समय तक ही पानी मिल पाता था. इसलिए पानी छोड़ने का सवाल नहीं था.
अब इन बांध क्षेत्रों में भी भारी बारिश हो रही है, जिससे पानी छोड़ने की संभावना है. इस पूरी स्थिति को देखते हुए नागरिकों को अलर्ट किया जा रहा है. मुळशी क्षेत्र में भूस्खलन हुआ है, और कुछ क्षेत्रों में जानमाल का नुकसान भी हुआ है, ऐसी जानकारी डिप्टी सीएम अजित पवार ने दी है.
बाढ़ की स्थिति और बचाव कार्य के बारे में जानकारी देते हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा, ''खडकवासला क्षेत्र के साथ-साथ पुणे क्षेत्र में भी भारी बारिश हुई. पुणे शहर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर डामर और कांक्रीटकरण हुआ है. वन विभाग की जमीन, पहाड़ियां, सरकारी इमारतों के परिसर को छोड़कर अन्य स्थानों पर खुली जगहें कम हैं.
ऐसे में दो-तीन दिन बारिश होने से जमीन में पानी का अवशोषण कम हो गया था. शहर से बहने वाली नदियों की पानी वहन क्षमता सीमित है. इसका परिणाम यह है कि नदी किनारे के कुछ क्षेत्र, नगररोड, एकतानगर जैसे निम्न क्षेत्रों में पानी भर गया है. इन क्षेत्रों की इमारतों, पार्किंग क्षेत्रों, वाहनों में पानी घुस गया है. इमारतों के ऊपरी हिस्सों में नागरिक सुरक्षित हैं, उन्हें नीचे आने और सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है.''
अजित पवार ने आगे कहा, ''वर्तमान में नागरिकों को कठिनाई से बाहर निकालने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है. बाढ़ की स्थिति से नागरिकों को बचाने का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. जिले के सभी वरिष्ठ अधिकारी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहुंच गए हैं. मेरे साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, राहत और पुनर्वास मंत्री अनिल पाटील, केंद्रीय मंत्री मुरलीधर मोहोळ, विधायक माधुरी मिसाळ लगातार बचाव और राहत कार्य की समीक्षा कर रहे हैं.''
उन्होंने ये भी बताया कि नागरिकों की सहायता और पुनर्वास के लिए सभी आपदा प्रबंधन तंत्र तैयार हैं. विभिन्न स्थानों पर सहायता और बचाव कार्य जारी हैं. मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों का पूर्वानुमान जारी किया है. इसके अनुसार, कुछ जिलों को ऑरेंज अलर्ट और कुछ को यलो अलर्ट दिया गया है.
प्रदेश के सभी तंत्रों को अलर्ट पर रखा गया है. जरुरत पड़ने पर संबंधित क्षेत्रों में सहायता और बचाव कार्य के लिए आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई गई है. मुंबई के कुर्ला और घाटकोपर, ठाणे, रायगढ़, पालघर, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, सातारा, सांगली जैसे जिलों में कुल 18 स्थानों पर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और 6 राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) तैनात किए गए हैं.
ये भी पढ़ें:
पुणे में बंगले के ऊपर गिरा चट्टान, दो-तीन लोगों के दबे होने की आशंका