Vishalgarh Fort Anti-Encroachment Drive: विशालगढ़ में हिंसा और अतिक्रमण ने कोल्हापुर और महाराष्ट्र भर में तनाव पैदा कर दिया है. इस मामले में हाई कोर्ट में अपील की मांग की गई थी. शुक्रवार को मामले की तत्काल सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति कुलबावाला, न्यायमूर्ति बी.पी. और न्यायमूर्ति फिरदोश पुन्नीवाला की पीठ के समक्ष हुई. इस दौरान जज ने प्रशासन को जमकर फटकार लगाई. इस दौरान कोर्ट ने विशालगढ़ किले पर कार्रवाई तुरंत रोकने का भी निर्देश दिया.


हाई कोर्ट ने दिए ये आदेश
ABP माझा के अनुसार, हाई कोर्ट ने आदेश दिया है कि तोड़फोड़ की कार्रवाई तुरंत रोक दी जाए और सितंबर तक कोई नई तोड़फोड़ की कार्रवाई न की जाए. अदालत ने यह भी पूछा कि भारी बारिश में वहां निर्माण पर हथौड़ा चलाने की क्या जरूरत थी? कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं का यह आरोप गंभीर है कि प्रदर्शनकारियों ने विशालगढ़ की मस्जिद पर हमला किया है.


कोर्ट ने प्रशासन को लगाई फटकार
हाईकोर्ट ने शाहुवाड़ी पुलिस स्टेशन के मुख्य अधिकारी को अदालत में उपस्थित होने के निर्देश जारी किए हैं. याचिकाकर्ताओं ने उस दिन विशालगढ़ में हुई बर्बरता का वीडियो कोर्ट में दिखाया. याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि वीडियो से साफ है कि शिवभक्त 'जय श्री राम' का नारा लगाते हुए तोड़फोड़ कर रहे थे. यह भी आरोप लगाया गया कि वहां मौजूद अधिकारियों ने भीड़ को छूट दे दी थी. इस तर्क को सुनने के बाद कोर्ट ने सवाल पूछा, जब विशालगढ़ में तोड़फोड़ हो रही थी तो सरकार क्या कर रही थी? कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी किसकी है.


विशालगढ़ पर अतिक्रमण के खिलाफ पिछले कुछ दिनों से शाहू महाराज के बेटे संभाजी राजे ने आक्रामक रुख अपनाया हुआ था. इसके बाद 14 जुलाई को जब संभाजी राजे छत्रपति विशालगढ़ इलाके में गए तो कुछ लोग हिंसक हो गए और विशालगढ़ इलाके में तोड़फोड़ की. इसके बाद जिला प्रशासन ने विशालगढ़ से अतिक्रमण भी हटा दिया था.


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