Maharashtra News: महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार को लाउडस्पीकर के उपयोग पर एक नीति बनानी चाहिए. मस्जिदों में लाउडस्पीकर के उपयोग को लेकर उठे विवाद के बीच राज्य में शांति बनाए रखने के लिए सरकार का सहयोग करने के लिए पाटिल ने मुसलमानों और हिंदुओं का आभार भी जताया.
दरअसल महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने राज्य सरकार को तीन मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का अल्टीमेटम दिया था. राज ठाकरे ने अजान के लिए लाउडस्पीकर का उपयोग किए जाने के विरोध में लोगों से हनुमान चालीसा का पाठ करने का आह्वान किया था.
'लाउडस्पीकर पर बने नीति'
महाराष्ट्र की कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक में भाग लेने के बाद पाटिल ने संवाददाताओं से कहा, "केंद्र को पूरे देश के लिए (लाउडस्पीकर पर) एक नीति बनानी चाहिए. हालांकि, मैं हिंदू और मुस्लिम समुदाय का धन्यवाद करूंगा कि उनके सहयोग के चलते राज्य में कानून-व्यवस्था बरकरार रही और इस मुद्दे से शांतिपूर्वक तरीके से निपटा जा सका."
'कोर्ट के पास टिप्पणी करने का अधिकार'
पाटिल से अदालत की उस टिप्पणी पर भी सवाल किया गया, जिसमें निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को जमानत प्रदान करने के दौरान राजद्रोह के तहत मामला दर्ज किए जाने को लेकर अदालत ने कहा है कि केवल आपत्तिजनक शब्दों का उपयोग करना राजद्रोह लागू करने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है. इस पर पाटिल ने कहा कि अदालत के पास टिप्पणी करने का अधिकार है. उन्होंने कहा, ''हालांकि, पुलिस कोई भी मामला दर्ज करते समय हर बिंदु का अध्ययन करती है.''
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