महाराष्ट्र में Weekly कोविड पॉजिटिविटी रेट में हुआ 1% का इजाफा, अस्पताल में भर्ती होने की दर अब भी बेहद कम
महाराष्ट्र में कोविड -19 पॉजिटिविटी रेट में थोड़ा इजाफा जरूर हुआ है लेकिन अब भी अस्पताल में भर्ती होने की दर बेहद कम है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक राज्य में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है.
Maharashtra Covid-19: वीकली पॉजिटिविटी रेट (WPR) को कोविड -19 मामलों में वृद्धि को ट्रैक करने के लिए एक मजबूत मार्कर माना जाता है.वही महाराष्ट्र राज्य में वीकली पॉजिटिविटी रेट के अप्रैल में 0.4% से 0.7% के बीच रहने के बाद हाल ही में 1% की वृद्धि दर्ज की गई. यह दिखाता करता है कि वायरस कम्यूनिटी में सर्कुलेट हो रहा है, हालांकि 5% से ऊपर की सकारात्मकता दर ज्यादा चिंताजनक मानी जाती है.
महाराष्ट्र में कोविड से अस्पताल में भर्ती होने और मौतों की दर कम
इन सबके बीच राहत की बात ये है कि महाराष्ट्र में मामले बढ़ने के बाद भी अस्पताल में भर्ती होने और कोविड -19 से मौतों की दर बेहद कम है. फिलहाल, राज्य में लगभग 1,400 सक्रिय मामलों में से केवल 3.3% अस्पतालों में भर्ती हैं. अस्पताल में भर्ती 45 मामलों में से 10 गंभीर हैं. गौरतलब है कि महाराष्ट्र में एक से मास्क और अन्य कोविड से संबंधित प्रतिबंध हटाए जा चुके हैं. वहीं विशेषज्ञों ने कहा कि अब तक कोरोना संक्रमण के मामलों में कोई चिंताजनक उछाल नहीं आया है.
महाराष्ट्र में कोविड की स्थिति नहीं है चिंताजनक
टीओआई में छपी रिपोर्ट के मुताबिक स्टेट सर्विलांस ऑफिसर डॉ प्रदीप अवाटे ने गुरुवार को बताया कि कोविड का वर्तमान ट्रेंड दिखाता है कि महाराष्ट्र में कोविड की स्थिति अभी भी “बहुत नियंत्रण में” है. “पिछले तीन से चार हफ्तों में मामलों में खतरनाक वृद्धि नहीं हुई है. सभी नए रोगियों में से लगभग 90% स्पर्शोन्मुख हैं और हम अस्पताल में भर्ती होने में वृद्धि नहीं देख रहे हैं. ” उन्होंने कहा कि, मई में औसत डेली डिटेक्शन 200-250 की रेंज में है, जोकि अप्रैल के औसत 130 से ऊपर है.
कोविड के मामले बढ़ने की ये हो सकती हैं वजह
डॉ अवाटे के अनुसार, कोविड के मामलों में हालिया वृद्धि जनसंख्या में हायर मोबिलिटी, इम्यूनिटी लेवल में बदलाव और मौसमी परिवर्तन जैसे फैक्टर्स के कारण हो सकती है. कोविड के मामलों में वृद्धि के बावजूद, प्रति मिलियन निवासियों पर महाराष्ट्र का सक्रिय केसलोएड अभी भी 11 पर है, जो भारत के औसत 14 से कम है और दिल्ली, कर्नाटक, केरल और हरियाणा जैसे राज्यों की तुलना में भी काफी कम है. उदाहरण के लिए, दिल्ली ने प्रति मिलियन जनसंख्या पर 320 सक्रिय कोविड मामले दर्ज किए हैं. डॉ आवटे ने कहा कि ये दिखाता है कि एक और कोविड लहर की संभावना नहीं है.
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