Maharashtra: नासिक में उद्योगपति के 12 साल के बेटे का अपहरण, कुछ घंटों में घर के सामने लाकर छोड़ा
Crime News: अपहरण किए गए बच्चे के पिता नासिक के नामी उद्योगपति हैं. अपहरण की गई गाड़ी पर नंबर प्लेट न होने और फिरौती मांगने के बाद फोन स्विच ऑफ करने से अपहर्ताओं को ट्रेस करने में दिक्कत हो रही थी.

Nashik Kidnapping Case: महाराष्ट्र के नासिक जिले (Nasik District) में 12 साल के एक लड़के का कथित रुप से अपहरण (Kidnap) कर लिया गया, हालांकि अपहरणकर्ताओं के जरिये बाद में उसे छोड़ दिया गया. एक पुलिस अधिकारी (Police Officer) ने बताया कि यह वारदात सिन्नार (Sinnar) के कालेवडा इलाके में बृहस्पतिवार रात करीब साढ़े सात बजे हुई, जिस दौरान ये लड़का अन्य बच्चों के साथ खेल रहा था.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि काले कपड़े में आये कुछ व्यक्तियों ने इस लड़के को जबर्दस्ती अपनी कार में बिठा लिया, जिस पर अन्य बच्चों ने शोर मचाया और फिर आसपास के लोगों ने गाड़ी का पीछा किया. उन्होंने बताया कि लड़के के पिता ने सिन्नार पुलिस में शिकायत दर्ज करायी जिसके बाद पलिस एलर्ट कर दिया और अपहरणकर्ताओं के चंगुल से बच्चे को बचाने के लिए जिले के अलग-अलग हिस्सों में जांच चौकियां बनायी गयीं.
अपहर्ता देर रात डेढ़ बजे लड़के छोड़ कर हुए फरार
अपहरण के इस मामले में पुलिस अधिकारी ने बताया कि करीब सात घंटे तक बंधक बनाकर रखने के बाद, अपहर्ताओं ने देर रात करीब डेढ़ बजे लड़के को उसके घर के पास छोड़ कर फरार हो गए. पीड़ित लड़के ने बताया कि उसे कार से कोपडी इलाके में ले जाया गया और उसकी आंखों पर पट्टी बांध दी गयी थी. उसने बताया कि उसे दोपहिये वाहन से बारागांव पिंपरी शिवर ले जाया गया और फिर उसे छोड़ दिया गया. पुलिस के अनुसार मामले की जांच की जा रही है.
अपहरणकर्ताओं ने थोड़ी देर में ही कर दी फिरौती की मांग
मीडिया में छपी खबर के मुताबिक, अपहरण किये गए बच्चे के पिता नासिक के नामी उद्योगपति हैं. अपहरण की खबर कल शाम फैली तो पूरे इलाके में खलबली मच गई. बच्चों के परिजनों ने रोना-चीखना शुरू कर दिया. वहीं अपहरण करने के थोड़ी देर बाद अपहरणकर्ताओं ने बच्चे के पिता को फोन कर फिरौती की मांग की. पुलिस के मुताबिक ये कॉल गुरेवाडी इलाके से किया गया था. इसके बाद अपहरणकर्ताओं ने मोबाइल का स्विच ऑफ कर दिया था.
गाड़ी पर नंबर प्लेट न होने की वजह पुलिस को हो रही थी दिक्कतें
सूचना के बाद पुलिस फौरन एक्टिव हो गई और बच्चे की तलाश में नाकेबंदी शुरु कर दी. अपहरणकर्ताओं को शहर से बाहर भागने में कामयाबी नहीं मिल पाई, अपहरणकर्ता पुलिस के डर से पांच घंटे के अंदर बच्चे को उसके घर के सामने छोड़ कर फरार हो गए. हालांकि अपहरणकर्ताओं के मोबाइल स्विच ऑफ करने और सीसीटीवी फुटेज में गाड़ी पर नंबर प्लेट न होने की वजह से पुलिस को उनकी लोकेशन ट्रेस करने में दिक्कत आ रही थी.
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